लखनऊ. शिक्षा विभाग में
मृतक आश्रित कोटे में नौकरी न मिलने को लेकर परेशान आश्रितों ने बुधवार को
राजधानी में एनेक्सी को घेरने का प्रयास किया। योग्यता के आधार पर नौकरी न
देने पर प्रदर्शन कर रहे सैंकड़ों आश्रित कोटे से दावेदारों ने मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ
का कार्यालय घेरने की कोशिश की।
लेकिन पुलिस उन पर लाठीचार्ज कर दिया।
वहीं प्रदर्शन कर रहे कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है।
लाठीचार्ज के दौरान आठ से ज्यादा लोग घायल भी हो गए। इसके बाद भी
प्रदर्शनकारियों को कहना है कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई, तो वह
अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
टलती रही वार्ता, सब्र का बांध टूटा
उत्तर प्रदेशीय मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के शीर्ष स्तरीय अधिकारियों का आरोप है कि उनकी समस्या को शासन स्तर पर नज़रअंदाज किया गया। बुधवार को सुबह से ही अधिकारी मुख्यमंत्री से वार्ता करने का आश्वासन दे रहे थे। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो लक्ष्मण मेला मैदान से निकल कर आश्रित दावेदार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए एनेक्सी पहुंच गए। अध्यक्ष जुबैर अहमद के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों के निधन के बाद उनके आश्रितों को विभाग में नौकरी देने का प्रावधान है। लेकिन 2011 के बाद से मृतक आश्रितों को शिक्षक की जगह चतुर्थश्रेणी कर्मचारी के रूप में नौकरी दी गई। हालांकि इनकी योग्यता व डिग्री उच्च स्तर की है। आश्रित दावेदारों ने मांग की कि उन्हें योग्यता के आधार नियुक्ति दी जाए। सपा सरकार में भी आश्रित दावेदारों ने कई बार प्रदर्शन किया लेकिन उनकी मांग की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। इसी तरह वर्तमान प्रदेश सरकार में भी उनके साथ हो रहा है। आश्रितों ने आरोप लगाया कि वह शांति से मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर जा रहे थे। उनका प्रतिनिधि मंडल सीएम से मुलाकात कर अपनी बात रखना चाहता था, लेकिन पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें कई महिलाएं भी घायल हो गई। वहीं पुलिस ने आठ से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
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उत्तर प्रदेशीय मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के शीर्ष स्तरीय अधिकारियों का आरोप है कि उनकी समस्या को शासन स्तर पर नज़रअंदाज किया गया। बुधवार को सुबह से ही अधिकारी मुख्यमंत्री से वार्ता करने का आश्वासन दे रहे थे। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो लक्ष्मण मेला मैदान से निकल कर आश्रित दावेदार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए एनेक्सी पहुंच गए। अध्यक्ष जुबैर अहमद के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों के निधन के बाद उनके आश्रितों को विभाग में नौकरी देने का प्रावधान है। लेकिन 2011 के बाद से मृतक आश्रितों को शिक्षक की जगह चतुर्थश्रेणी कर्मचारी के रूप में नौकरी दी गई। हालांकि इनकी योग्यता व डिग्री उच्च स्तर की है। आश्रित दावेदारों ने मांग की कि उन्हें योग्यता के आधार नियुक्ति दी जाए। सपा सरकार में भी आश्रित दावेदारों ने कई बार प्रदर्शन किया लेकिन उनकी मांग की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। इसी तरह वर्तमान प्रदेश सरकार में भी उनके साथ हो रहा है। आश्रितों ने आरोप लगाया कि वह शांति से मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर जा रहे थे। उनका प्रतिनिधि मंडल सीएम से मुलाकात कर अपनी बात रखना चाहता था, लेकिन पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें कई महिलाएं भी घायल हो गई। वहीं पुलिस ने आठ से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
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