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TGT-PGT: आवंटित कालेज में पद रिक्त न होने पर दूसरे कालेज में दें नियुक्ति: हाईकोर्ट ने कहा, चयन बोर्ड को संस्तुति भेजेंगे

विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित सहायक अध्यापकों को आवंटित विद्यालय में पद रिक्त न होने पर जिला विद्यालय निरीक्षक
(डीआइओएस) उसे किसी दूसरे विद्यालय में नियुक्ति की संस्तुति बोर्ड को भेजेंगे।
बोर्ड को दूसरे कालेज में खाली पद पर चयनित अध्यापक की नियुक्ति की संस्तुति करने का पूरा अधिकार है। कोर्ट ने बोर्ड को दो महीने में याची की नियुक्ति के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी है। 1यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी ने रमेश चंद्र की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि 2004 में चयन बोर्ड से सहायक अध्यापक शारीरिक शिक्षा का पद विज्ञापित हुआ था। विपक्षी जगवीर सिंह को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद 334.2 अंक मिले और कटऑफ अंक 331.60 था। जगवीर सिंह की नियुक्ति नहीं मिली तो उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने चयन बोर्ड को निर्णय लेने का निर्देश दिया। जिस पर चयन बोर्ड ने जिला विद्यालय निरीक्षक गौतमबुद्ध नगर के सत्यापन के बाद 20 अप्रैल 2006 को जगवीर सिंह को कार्यभार ग्रहण कराया गया। इसी दौरान कालेज ने फिर रिक्ति घोषित कर चयन की संस्तुति चयन बोर्ड उप्र को भेज दी। 2009 में विज्ञापन निकला और याची रमेश चंद्र इसी कालेज के लिए चयनित हुआ। जब वह कार्यभार ग्रहण करने के लिए विद्यालय गया तो बताया कि पद पहले से भरा है। याची ने चयन बोर्ड से किसी दूसरे कालेज में भेजने की मांग की। सुनवाई न होने पर याचिका दाखिल की गई। 1कोर्ट ने न्यायिक निर्णयों पर विचार करते हुए कहा कि यदि चयनित कालेज में पद रिक्त नहीं है तो जिला विद्यालय निरीक्षक चयन बोर्ड को अन्य कालेज के लिए संस्तुति भेजेगा और बोर्ड विज्ञापित पदों में से दूसरे कालेज में खाली पद पर नियुक्ति की संस्तुति भेजेगा।

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