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सरकारी शिक्षक पा रहे मुफ्त का वेतन, दो हजार रुपए ठेके पर चल रहा विद्यालय

ललितपुर। जनपद के परिषदीय विद्यालयों के हालात अब भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा विद्यालयों का नियमित रूप से निरीक्षण करने और परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा को बेहतर बनाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन वास्तविक हकीकत इससे पूरी विपरीत है।
जनपद के किसी दूर-दराज ग्रामीण इलाके की बात तो दूर, जिला मुख्यालय से मात्र 13 किलोमीटर की दूूरी पर स्थित ग्राम बरदेही में अधिकारियों की नाक के नीचे मात्र दो हजार रुपये महीने के ठेके पर गांव का ही एक व्यक्ति प्राथमिक विद्यालय संचालित कर रहा है।
विकासखंड बिरधा क्षेत्र के ग्राम बरदेही के मौजा नया गांव के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की लापरवाही के चलते बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत पर अमर उजाला की टीम ने उक्त विद्यालय वास्तविक स्थिति जनने के लिए शुक्रवार की सुबह ग्राउंड रिपोर्टिंग करने पहुंची। सुबह लगभग साढ़े 11 बजे जब हमारी टीम विद्यालय पहुंची तो परिसर में कहीं पर भी शासनादेश के क्रम में विद्यालय में तैनात स्टाफ की फोटो व नाम वाला बैैनर नहीं लगा हुआ था और कक्षा में एक युवक बच्चों को पढ़ा रहा था। युवक से जब जानकारी ली तो उसने बताया कि वह गांव का ही निवासी है और अपना नाम रामजी राजपूत बताया। रामजी ने बताया कि वह दो हजार रुपये महीने पर विद्यालय में बच्चों को पढ़ाता है। जब उससे प्रभारी प्रधानाध्यापक सुधेश चतुर्वेदी के बारे में पूंछा तो उसने बताया कि वह पिछले तीन दिनों से विद्यालय नहीं आए हैं। विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र हेमलता के बारे में युवक ने बताया कि उनकी ड्यूटी चुनावी कार्य में लगी हुई है, इसी वजह से वह विद्यालय नहीं आई हैं और बच्चों ने बताया कि मैडम हर रोज विद्यालय नहीं आती हैं। वहीं, विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक योगेंद्र यादव कई महीनों तक विद्यालय में नहीं आते हैं। युवक ने बताया कि आखिरी बार वह 02 अक्टूबर को विद्यालय आए थे और इसके बाद से सहायक अध्यापक के ही स्थान पर वह पिछले दो माह से दो हजार रुपये में विद्यालय में पढ़ा रहा है। वहीं उसने बताया कि इससे पहले गांव का ही दूसरा युवक बच्चों को पढ़ाता था। सरकारी शिक्षक जहां पर विद्यालयों में बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के नाम पर हर माह लाखों रुपये वेतन पा रहे हैं वहीं दूसरी ओर विद्यालय की बागडोर दो हजार रुपये मासिक ठेके के भरोसे चल रही है और शिक्षक मुफ्त का वेतन पा रहे हैं।

मूलभूत सुविधाओं का अभाव, सुविधाएं भगवान भरोसे
शासनादेश के क्रम में विद्यालय परिसर में कहीं पर भी विद्यालय स्टाफ की फोटो व नाम वाला बैनर नहीं लगा हुआ है। इसके अलावा छात्राओं की सुविधा के लिए विद्यालय में बने शौचालय में ताला डला हुआ है। इसके अलावा बच्चों को वितरित किया जाने वाला मध्याह्न भोजन भी भगवान भरोसे पकाया जा रहा है। विद्यालय में पकने वाले भोजन का और इस भोजन को खाने वाले बच्चों को कोई ब्योरा नहीं है।

गुरुजी बोले झूठ
बच्चों को सत्य बोलने का पाठ पढ़ाने वाले गुरुजी खुद ही स्वयं को बचाने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं। जब प्रभारी प्रधानाध्यापक सुधेश चतुर्वेदी से फोन पर बात की तो पहले उन्होंने कहा कि मैं विद्यालय में ही हूं। इसके बाद जब उन्हें बताया कि विद्यालय से ही फोन पर बात कर रहे हैं और बच्चों ने उनकी पोल खोल दी है, तो फिर प्रधानाध्यापक ने बताया कि वह तीन दिनों से विद्यालय नहीं आ रहे हैं। इससे पहले नियमित रूप से विद्यालय आते हैं। इसके बाद जब उनसे सहायक अध्यापक योगेंद्र के बारे में बात कही तो उन्होंने फोन काट दिया।

प्रधानाध्यापक की है मिलीभगत
इस बारे में जब ग्राम प्रधान सुधा राजा के पति पुष्पेंद्र सिंह बुंदेला से बात की जो उन्होंने कहा कि विद्यालय का पूरा स्टाफ नियमित रूप से विद्यालय नहीं आता है। इसके अलावा उन्होंने प्रधानाध्यापक पर आरोप लगाया है कि वह शराब के नशे के आदी हैं और कई बार विद्यालय में शराब पीकर आ जाते हैं। सहायक अध्यापक योगेंद्र पिछले कई महीनों से विद्यालय नहीं आ रहे हैं। शिक्षकों की फर्जी उपस्थिति लगाकर सरकार से वेतन पा रहे हैं।

कार्रवाई होगी
इस तरह की लापरवाही बरदास नहीं होगी। मामला संज्ञान में आया है, जांच कराई जाएगी और लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
अंबरीष कुमार
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, ललितपुर।
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