बदायूं : बेसिक शिक्षा विभाग के लेखा विभाग के खिलाफ शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों के अनुसार लेखा विभाग की ओर से नई भर्ती के शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रमाण पत्रों के सत्यापन की रिपोर्ट मांगी गई।
रिपोर्ट उपलब्ध न होने पर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया। जबकि लेखा विभाग को बिना बीएसए के परमिशन के किसी का वेतन रोकने का अधिकार नहीं है। उन्होंने बताया कि लेखा विभाग में समय से बिल प्रस्तुत किए जाते हैं, इसके बाद भी वेतन भुगतान में विलंब किया जाता है। कई चक्कर के बाद सुनवाई होती है। मांग होने पर नवंबर महीने के वेतन का भुगतान तो किया गया, लेकिन अभी तक अक्टूबर महीने का वेतन नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि तीन वर्षों से डीए का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने एसीपी व खंड शिक्षा अधिकारी रमेश पंकज के जुलाई महीने का भुगतान जल्द कराने की मांग की। विकास क्षेत्र जगत के खंड शिक्षा अधिकारी सोमनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि सभी सूचनाएं बीएसए कार्यालय पर समय से जमा कर दी जाती हैं। लेखा विभाग को अगर कोई सूचना नहीं मिली तो बीएसए से मांग करने का नियम है न कि किसी का वेतन रोकने का। बीएसए प्रेमचंद यादव ने बताया कि शिक्षक-शिक्षिकाओं का सत्यापन प्राप्त होते हुए लेखा विभाग को सूचना दी जाती है। संबंधित विश्वविद्यालय को वाहक भी भेजा जाता है। सूचना न मिलने पर संबंधित का वेतन रोकने को लिखे जाने का नियम है। लेखा विभाग सीधे तौर पर खंड शिक्षा अधिकारियों का वेतन नहीं रोक सकता।
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रिपोर्ट उपलब्ध न होने पर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया। जबकि लेखा विभाग को बिना बीएसए के परमिशन के किसी का वेतन रोकने का अधिकार नहीं है। उन्होंने बताया कि लेखा विभाग में समय से बिल प्रस्तुत किए जाते हैं, इसके बाद भी वेतन भुगतान में विलंब किया जाता है। कई चक्कर के बाद सुनवाई होती है। मांग होने पर नवंबर महीने के वेतन का भुगतान तो किया गया, लेकिन अभी तक अक्टूबर महीने का वेतन नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि तीन वर्षों से डीए का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने एसीपी व खंड शिक्षा अधिकारी रमेश पंकज के जुलाई महीने का भुगतान जल्द कराने की मांग की। विकास क्षेत्र जगत के खंड शिक्षा अधिकारी सोमनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि सभी सूचनाएं बीएसए कार्यालय पर समय से जमा कर दी जाती हैं। लेखा विभाग को अगर कोई सूचना नहीं मिली तो बीएसए से मांग करने का नियम है न कि किसी का वेतन रोकने का। बीएसए प्रेमचंद यादव ने बताया कि शिक्षक-शिक्षिकाओं का सत्यापन प्राप्त होते हुए लेखा विभाग को सूचना दी जाती है। संबंधित विश्वविद्यालय को वाहक भी भेजा जाता है। सूचना न मिलने पर संबंधित का वेतन रोकने को लिखे जाने का नियम है। लेखा विभाग सीधे तौर पर खंड शिक्षा अधिकारियों का वेतन नहीं रोक सकता।
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