भर्तियों का पिटारा खुलेगा: सीएम बोले, प्रदेश में पांच लाख करोड़ के निवेश और 20 लाख नौकरियों का रास्ता साफ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में पांच लाख करोड़ के निवेश और इनसे पैदा होने वाली 20 लाख नौकरियों का रास्ता साफ हो चुका है। यही नहीं अगले तीन साल तक सरकारी भर्तियों का पिटारा भी खुला
रहेगा। केवल पुलिस में ही 1.62 लाख भर्तियां होंगी।
सोमवार को यहां ‘हिन्दुस्तान’ से हुई अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइमरी शिक्षक का एक भी पद खाली नहीं रहेगा।मुख्यमंत्री ने प्राइमरी शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य, स्किल डेवलपमेंट, महिला स्वावलम्बन, ग्राम्य विकास और पूर्वी उत्तर प्रदेश में फैले इंसेफेलाइटिस के उन्मूलन पर विस्तार से बात की। कहा कि सरकार ने प्रदेश की तरक्की का नया एजेंडा सेट किया है। इसमें युवाओं की अहम भूमिका है। उन्हें मौका देने के लिए 68,500 नए शिक्षकों की भर्ती हो रही है। इतने ही और शिक्षकों की भर्ती जल्द होगी। पिछली सरकारों ने पीएसी की 34 कम्पनियां खत्म कर दी थीं। अब इस बल को भी सुदृढ़ किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में एसटीएफ, एटीएस को नए सिरे से प्रशिक्षित कर सशक्त बनाया जाएगा। प्रदेश में पहली बार स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स भी गठित की गई है। सीएम ने कहा कि हर जिले में एक परम्परागत कारोबार को खड़ा किया जाएगा। इससे एक साल में एक लाख, फिर दस लाख नौजवानों को रोजगार मिलेगा। मुद्रा, स्टैण्ड अप और स्टार्ट अप जैसी योजनाओं के तहत ऋण प्राप्त करने में बैंकों के स्तर पर दिक्कत आ रही है। एनपीए को लेकर बैंकों का डर खत्म किया जाएगा। प्रधानमंत्री कौशल विकास के तहत चयनित छह लाख नौजवानों में से 1.40 लाख नौजवानों का प्लेसमेंट कराया जा चुका है। ग्रामीण महिलाओं को घर बैठे काम:मुख्यमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश और वियतनाम ने स्वरोजगार की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया है। यूपी में भी टेक्सटाइल इंडस्ट्री में बड़ी सम्भावना है। सरकार रेडिमेट गारमेंट की इकाइयों (जहां सौ से ज्यादा मजदूर काम करते हों) को प्रति मजदूर 32 सौ रुपए की सब्सिडी देगी। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ग्रामीण महिलाएं घर बैठे-बैठे महीने में आठ-नौ हजार रुपए की जीविका के तौर पर कमायी कर सकेंगी। महिलाओं के रोजगार पर भी सरकार ध्यान देगी।इस मौके पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल और अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय भी मौजूद थे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी से मिलकर भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की।

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