शिक्षकों ने मांगें पूरी न होने पर दी 23 मार्च को लखनऊ में आंदोलन की चेतावनी

मेरठ : मांगें पूरी न होने पर कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। डीएम को 18 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए आंदोलन की चेतावनी दी।
कर्मचारी-शिक्षक संगठन मोर्चा के जिलाध्यक्ष विपिन त्यागी ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारी व शिक्षक संगठन अपनी मांगें पूरी करने के संबंध में शासन से कई बार अनुरोध कर चुका है लेकिन सरकार लगातार उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रही है। जिसके कारण वह धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि 19 सितंबर 2016 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में समयबद्ध निर्णय क्रियान्वित करने के आदेश दिए गए थे। कार्यवृत्ति में दिए गए निर्देशों को डेढ़ वर्ष बीत चुके हैं लेकिन कर्मचारियों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है। सभी मामले आज भी लंबित हैं। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है। इन्होंने डीएम को 18 सूत्रीय ज्ञापन सौंपते हुए इस चेतावनी के साथ धरना समाप्त किया कि यदि मांग पूरी न हुई तो वह 23 मार्च को लखनऊ में आंदोलन करेंगे। उसी दिन आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी। जिलाध्यक्ष विपिन त्यागी, संयोजक लाखन सिंह के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में पदाधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

ये हैं प्रमुख मांगें -

1. छठे वेतनमान की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए

2. शेष बचे 10 निगमों के लगभग 950 कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ मिले।

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3. राज्य कर्मचारियों के समान वेतन, भत्ते व अन्य सुविधाएं दी जाएं

4. चतुर्थ श्रेणी की भर्ती खोली जाए व स्वीकृत पदों पर आउट सोर्सिग बंद की जाए

5. सींचपाल, सींच पर्यवेक्षक, जिलेदार एवं नलकूप प्रभारी सेवा नियमावली शीघ्र स्थापित की जाए। ज्ञापन में 18 मांगें हैं।
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