आयोग ने मार्च से ऑनलाइन आवेदन लेने शुरू किए थे। उससे पहले ही अर्हता को लेकर सवाल उठने लगे थे। शारीरिक शिक्षा शिक्षक पद के लिए अनिवार्य योग्यता बीपीएड या बीपीई रखी गई है जबकि डीपीएड की योग्यता वाले प्रतियोगी इस परीक्षा में आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। प्रतियोगियों की पीड़ा है कि इंटर कालेज में प्रवक्ता शारीरिक अनुदेशक की परीक्षा में डीपीएड को अनिवार्य योग्यता के रूप में शामिल किया गया है जबकि आयोग से हो रही भर्ती में इसे मान्य नहीं किया गया है। आयोग के सचिव को प्रत्यावेदन देने पर भी इस संबंध में अब तक कोई विचार नहीं हो सका है। कला शिक्षक पद से बीएड की अर्हता हटवाने के लिए 21 मार्च को कला स्नातक और ललित कला स्नातक के छात्र शिक्षा निदेशालय के समक्ष प्रदर्शन भी कर चुके हैं। इनका कहना है कि देश के कई राज्यों में कला स्नातक और ललित कला स्नातक को मान्य किया गया है जबकि प्रदेश सरकार शिक्षक भर्ती में इसे मान्य नहीं कर रही है। ऐसे में इस विषय के स्नातक आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। आयु की गणना का पेंच भी फंसा है। आयोग ने एक जुलाई 2018 से आयु 21 से 40 साल के बीच निर्धारित की है जबकि प्रतियोगियों की मानें तो इससे पहले 26 दिसंबर 2016 को शिक्षा निदेशालय से शिक्षक भर्ती के 9342 रिक्त पदों पर निकले विज्ञापन में आयु की गणना एक जुलाई 2016 से तय की गई थी। 1अर्हता में इसी तरह के कई मामले होने के चलते लाखों युवाओं को भर्ती में शामिल होने का मौका नहीं मिल पा रहा है। आयोग के अनुसार शनिवार 31 मार्च तक तीन लाख आवेदन आ चुके हैं जबकि पंजीकरण व ऑनलाइन शुल्क 12 अप्रैल तक ही जमा किए जा सकते हैं।
- अब तक तीन लाख आवेदन ही हो सके, उत्साह ठंडा
- रिक्त पद पिछली भर्ती से अधिक फिर भी पांच लाख आवेदन होने मुश्किल
- 3 लाख ऑनलाइन ही हो सके हैं आवेदन
- आयोग ने ऑनलाइन लेने शुरू किए थे आवेदन