अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार का एक फैसला उन लाखों युवाओं का भविष्य बना भी सकता है और अंधकारमय भी कर सकता है जो आयु सीमा पार होने के चलते 2018 की 41 हजार सिपाही भर्ती में आवेदन नहीं कर पाए हैं। 2018 की सिपाही भर्ती में आयु की गणना एक जुलाई 2018 से निर्धारित की गई है जिसके चलते वे आवेदन नहीं कर सके। इसके बदले या तो 2015-16 की सिपाही भर्ती में लिखित परीक्षा कराकर उन्हें मौका दिया जाए या फिर 2018 की भर्ती में समायोजित किया जाए।
छात्र युवा संगठन मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रणविजय सिंह और उपाध्यक्ष हिमांशु पांडेय के नेतृत्व में अभ्यर्थियों ने कहा कि सोमवार को शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क में फिर एकत्रित होंगे और वहीं पर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने पर सामूहिक रणनीति बनेगी।
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