12460 शिक्षक भर्ती के 'शून्य जनपद और जिला वरीयता' केस मामले में आज की सुनवाई के सार व निष्कर्ष

*शून्य जनपद और जिला वरीयता केस*
तमाम विवादों और अड़चनों के बाद आज CJ साहब की कोर्ट में 12,460 पे जिला वरीयता वाले केस में कोई निर्णय नहीं लिया गया ,और कोई रोक भी नहीं लगाई गई  और अगले हफ्ते की डेट लगा दी गयी ।

हमारी रणनीति कामयाब हुई , अभी तक स्पेशल अपील न करने की यही एक खास वेजेह थी , हमे डर था कि हमारी अपील जिला वरियता के केस में टैग न हो जाये (जिसमे जल्दी निर्णय आना संभव नहीं है)

1 मई को सारे 51 जिलों में सभी चयनितों को नियुक्ति पत्र मिलेगा ।

#लेकिन उन जिलो पर बाहरी आवेदकों को *नहीं मिलेगा* जहाँ का आर्डर वहा के BSA को प्रत्यावेदन के तौर पर मिल गया होगा ।

ऐसे जिलो के लिए आज 2 स्पेशल अपील दाखिल कर दी गयी , जो कि अब जिला वरीयता केस में टैग होना असंभव है ।

हमारा केस 30 मई को अर्जेंसी मेंशन कर के कोर्ट 1 में मंगवा लिया जाएगा , और केस की सुनवाई *जस्टिस अब्दुल मोइन और जस्टिस विक्रमनाथ जी* करेंगे जो कि वरिष्ठ जज हैं और वहा से स्टे हटने की सब से अधिक संभावना है ।

आज *वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अनिल तिवारी* जी ने 6(ख) को बचाने का बहुत अच्छा  प्रयास किया । जब कि AAG साहब ने रूल 14 और 6(ख) दोनों का बचाव किया ।

आप लोग निराश न हो सभी को नियुक्ति पत्र मिलेगा , किसी भी परिस्थिति में 12460 इफ़ेक्ट नहीं होगा ।

नोट : *डॉक्टर LP मिश्रा जी को भी साथ मे ले जाने पर राय बन गयी है* , अब हमारे केस को डिफेंड करने के लिए अन्य टीमों के द्वारा डॉक्टर एल पी मिश्रा जी को ले जाना तय हुआ है .

लखनऊ बेंच के 2 सब से वरिष्ठ अधिवक्ता अब शून्य जनपदों पर लगी स्टे हटवाने का भर्शक प्रयास करेंगे ।