यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने दिया है.
जय प्रकाश पटेल व अन्य की याचिकाओं में ग्रेड को क्वालिटी प्वाइंट के समान अंक देने के लिए नियमावली न बनाए जाने को चुनौती दी गई थी. याचिकाओं के अनुसार 15 दिसम्बर 2016 को 12460 सहायक अध्यापकों की भर्ती का शासनादेश जारी हुआ था. यह भर्ती 15वं संशोधन के अनुसार क्वालिटी प्वाइंट के आधार (हाईस्कूल, इंटर, स्नातक व बीटीसी के प्राप्ताकों के आधार पर) पर होनी है. कहा गया कि इसमें 2013 बैच के बीटीसी धारकों का नुकसान होगा क्योंकि 2012 बैच तक प्राप्ताकों के आधार पर प्रथम, द्वितीय या तृतीय दी गई है.
क्वालिटी प्वाइंट इसी आधार पर तय किए जाएंगे. 2013 वालों को ए, बी व सी के आधार पर अंकपत्र दिए गए हैं. उनके ग्रेड का आधार तय नहीं है. कोर्ट ने कहा कि 2013 बैच के अंकपत्र से स्पष्ट है कि कितने अंकों पर कौन सी ग्रेड दी गई है. इन अंकों के आधार पर डिवीजन तय की जा सकती है. लिखित व प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक प्रतिशत में तुलना पर कुछ कठिनाई हो सकती है. ऐसी स्थिति में परीक्षा प्राधिकारी को निर्णय लेना है कि कौन सफल है और कौन असफल. शिक्षकों की कमी के मद्देनजर भर्ती प्रक्रिया में हस्तक्षेप उचित नहीं होगा.