अब बीएड डिग्री से नहीं बन सकते प्राइमरी टीचर, हाईकोर्ट का फैसला, 68500 शिक्षक भर्ती से भी हुए बाहर

लखनऊ. हाईकोर्ट के एक फैसले से बीएड डिग्री धारकों को तगड़ा लगा है। दरअसल हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों की कक्षा एक से पांच तक में पढ़ाने के लिए आवश्यक योग्यता से बीएड डिग्री को बाहर कर दिया है। हाइकोर्ट के इस फैसले से उन बीएड डिग्री धारकों को बड़ा नुकसान हुआ है जो यूपी में होने वाली 65,500 शिक्षक भर्ती में भाग लेना चाहते थे।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद लखनऊ के राम सागर कहते हैं कि हाईकोर्ट का ये फैसला उनकी समझ से परे हैं। क्योंकि 1 जनवरी 2012 तक यही बीएड डिग्री 6 महीने की खास ट्रेनिंग के साथ प्राइमरी टीचर की नियुक्ति के लिए मान्य थी। तो अब बीएड डिग्री को सहायक अध्यापकों के पद के लिए क्यों अमान्य किया गया है।

हाईकोर्ट का फैसला
दरअसल आपको बता दें कि कक्षा एक से पांच तक के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए B.Ed (स्पेशल एजुकेशन) की डिग्री मान्य नहीं है। हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है। फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने बीएड डिग्री धारकों को 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन का मौका देने से साफ इनकार कर दिया और उकी दायक याचिका खारिज कर दिया है। बीएड डीग्री धारकों की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि बीएड और डीएलएड की डिग्रियां एक तरह की हैं। इसलिए इनके नाम में अंतर मायने नहीं रखता है। बीएड और डीएलएड को एक तरह की डिग्री ही मानना चाहिए।

एनसीटीई ने तय की योग्यता
कोर्ट में याचिकाकर्ताओं का कहना था कि 1 जनवरी 2012 तक बीएड डिग्री 6 महीने की खास ट्रेनिंग के साथ प्राइमरी टीचर की नियुक्ति के लिए मान्य थी। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में न्युक्ति के लिए योग्यता एनसीटीई की ओर से तय की गई है। जो राज्य सरकार द्वारा बनाए गए किसी भी नियम पर प्रभावी होगी। एनसीटीई की ओर से तय की गई योग्यता में प्राइमरी स्कूलों के लिए भी बीएड डिग्रा को मान्य नहीं किया गया है। हालांकि बीएड डिग्री को कक्षा 6 से 8 तक के टीचरों के लिए मान्य बताया गया है, लेकिन कक्षा एक से पांच तक के लिए बीएड डिग्री को लेकर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

बेसिक शिक्षा विभाग की दलील मंजूर

वहीं बीएड डिग्री को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से वकील का कहना है कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में भी बीएड डिग्री को प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की योग्यता में शामिल नहीं किया गया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के वकील की दलील पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा कि बीएड डिग्री सहायक अध्यापकों के लिए मान्य योग्यता नहीं है।