महोबा : प्रधानाध्यापक की लापरवाही कुछ लोगों के लिए भारी पड़ गई। पता
नहीं वह किस सोच में रहे और उन्हें यह भी ध्यान नहीं रहा कि इसी परिसर में
आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है, जहां महिलाएं और शिशु भी हैं।
उनकी इस
लापरवाही से मासूम बच्चे, उनकी मां तथा आंगनबाड़ी कर्मचारी एक घंटे तक कैद
रहे। एक घंटे बाद सहायक अध्यापक के वहां पहुंचने पर मुख्य गेट का ताला खुल
सका। 1 जैतपुर ब्लाक के थुरट में पूर्व माध्यमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी
केंद्र एक ही परिसर में संचालित हैं। शनिवार को स्कूल के प्रधानाध्यापक
विनोद कुमार ने 11 बजे स्कूल की छुट्टी होने पर मुख्य गेट में ताला लगाया
और घर चले गए। इधर, आंगनबाड़ी की कर्मचारी और केंद्र में बैठी गर्भवती
महिलाओं को पता ही नहीं चला। कुछ देर बाद उन्हें अपने बच्चों के लिए पानी
की जरूरत हुई तो वह बाहर निकलीं। देखा तो गेट पर बाहर से ताला लगा है और
स्कूल भी बंद हो चुका है। कर्मचारियों ने फोन कर इसकी सूचना गांव में दी।
ग्रामीणों ने बीएसए को फोन करके बताया। बताते हैं स्कूल में आशा बहू तथा
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता टीकाकरण कार्यक्रम चला रही थीं। भारती, उमा,
आकांक्षा, अर्चना ने बताया कि ताला बंद करने से पूर्व प्रधानाध्यापक ने ये
भी नहीं देखा कि स्कूल में आंगनबाड़ी का दरवाजा खुला है तो वहां कौन है।
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