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बेसिक शिक्षा विभाग के वादे फिर साबित हुए खोखले, उधार की किताबों से बच्चे कर रहे हैं पढ़ाई

बाराबंकी. बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का नया सत्र शुरू हो गया है, लेकिन उधार की किताबों के साथ। नए सत्र की पढ़ाई समय पर शुरू होने के बाद विभाग के लिए चुनौतियां और बढ़ गई हैं। सत्र शुरू होने के बाद भी अभी तक किताबों का पता नहीं है।

प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे इस बार भी पुरानी और उधार की किताबों से पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बच्चों को पुरानी ड्रेस और पुराने बैग से ही काम चलाना पड़ रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि ये वादे किए ही क्यों गए जो पूरे न हो सके। शिक्षा विभाग की बदहाली की ये तस्वीर हरख ब्लॉक के प्राइमरी स्कूलों की है।
दरअसल सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर पहली बार प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में एनसीईआरटी का सिलेबस शामिल किया है। विभागीय अधिकारी और सरकार इसकी घोषणा भी कर चुकी है। उधर, दूसरी तरफ अभी तक स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें नहीं पहुंच सकी हैं।
आलम यह कि बेसिक शिक्षा परिषद की किताबें स्कूलों में नहीं पहुंची हैं। ऐसे में छात्रों को स्कूल के टीचर ये सुझाव दे रहे हैं कि वे पासआउट बच्चों से किताबें उधार मांग कर पढाई करें। आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूलों के बच्चों के लिए विभाग ही किताबें मुहैया कराता है। बच्चों को ये किताबें निःशुल्क दी जाती हैं लेकिन हर साल की तरह इस बार भी परिषद की ओर से किताबें स्कूल तो दूर ब्लॉक स्तर तक नहीं पहुंच पाई हैं। ऐसे में नए शिक्षा सत्र के में छात्र-छात्राओं को उधारी का सबक सिखाया जा रहा है। बच्चों से यह कहा गया कि वे अपने से अगली कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों से किताबें मांग लें।

पुरानी किताबों से पढ़ाई कराने को लेकर स्कूल के बच्चों ने कहा कि हम लोगों को मैडम ने पुरानी किताबें पढ़ने के लिए दी हैं इसलिए हम लोग इसी से पढ़ रहे हैं। वहीं जब हमने स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक से बात की तो उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए नई किताबें अभी तक हम लोगों को के पास नहीं आई हैं। इसलिए हम लोग पुरानी किताबों से बच्चों को पढ़ाई कर रहे हैं। जल्द ही बच्चों को नई किताबें दी जाएंगी।

वहीं इस मुद्दे पर बाराबंकी के बेसिक शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में कक्षा 1 से 8 तक की पुस्तकें निशुल्क वितरित की जाती हैं। जिस का आदेश हम लोग निर्गत कर चुके हैं। जहां तक एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों का सवाल है, तो इसको लेकर शिक्षा निदेशक की तरफ से अभी तक कोई पत्र हमें नहीं प्राप्त हुआ है। जैसा आदेश हम लोग के पास आएगा उस संदर्भ में उत्साह से कार्रवाई की जाएगी। बच्चों के पुरानी किताबों से पढ़ाई के सवाल पर पीएन सिंह का कहना है कि जब तक नई किताबें नहीं आ जाती, हम लोग पिछले सत्र की किताबों से काम चलाते हैं। इसीलिए बच्चे अभी पुरानी किताबों से पढ़ाई कर रहे हैं। जैसे ही नहीं पुस्तकें हम लोगों के पास आ जाएंगी, स्कूलों में बच्चों के पास किताबें पहुंचा दी जाएंगी।

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