*मल्टीपल आवेदक घबराये नहीं, न डरें एक जुट रहें - AG*
1) लोगों ने एक से अधिक आवेदन इसलिए किये क्योंकि 15000, 16448 भर्ती से प्रशिक्षण जनपद आवेदन बाध्यता के कारण 15000, 16448 सीट्स होने पर भी candidature बस एक ही जनपद की कुछ सीट्स पर होता है और वहां vacancy कम तो द्वितीय में पूरा लॉटरी सिस्टम। किसी जिले में आप से कम वाला सेलेक्ट और आप बाहर।
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*2) सैंकड़ो बार हमने कहा है नियम 14(1)(a) को कोई रद्द होने से नहीं बचा सकता। इस नियम से मेरिट का devaluation होता है साथ ही यह असंवैधानिक है। कुछ कुतर्की तर्क देते हैं कि बीटीसी एडमिशन के टाइम नियम गलत नहीं दिखा। उनको किसी और पोस्ट में उत्तर देंगे।*
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3) फिलहाल जब तक यह नियम कोर्ट से नहीं जाता तब तक 2014 से बेरोजगारों को नौकरी मिलनी ही चाहिए।। मल्टीपल सीधा सीधा नियम 14(1)(a) और क्लॉज 6(ख) से रिलेटेड है और यदि मल्टीपल को रोकने की कोशिश की गयी तो भुगतना 15000, 16448 और 12460 के सभी नियुक्त और चयनितों को पड़ेगा।
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*4) यदि वर्तमान नियम के अनुसार भी चलें तो भी मल्टीपल अपना अभ्यर्थन मात्र एक जनपद में ही प्रस्तुत कर रहा है। आवेदन से अभ्यर्थन सुनिश्चित नहीं होता है, यदि आप कॉउंसीलिंग मे सम्मिलित नहीं होते हैं तो आपका अभ्यर्थन वहीं समाप्त है।*
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5) मात्र एक जनपद में कॉउंसीलिंग कराने से बाकी सभी जनपद जहां पर आपने आवेदन किया था, वहां अभ्यर्थन स्वतः ही समाप्त हो जाता है। बस जहां आप कॉउंसीलिंग करा रहे हैं उसी एक जनपद में आपका अभ्यर्थन बना रहता है। समस्या तब है जब आप अपने क्लोन्स बनाकर हर जनपद जहां से आपने आवेदन किया था वहां की कॉउंसीलिंग में सम्मिलत हों। 😂😂
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*6) 72825 भर्ती 1981 नियमावली से हुई या नहीं इस पर भी विवाद रहा है। यह पूरी भर्ती बेसिक के इतिहास में एक एक्सेप्शन रहेगी। इसलिए इसका उदाहरण नहीं दे रहे हैं लेकिन इस भर्ती में भी प्रारंभ में 5 जनपदों से आवेदन करने की छूट थी जिसे बाद में सरिता शुक्ला की याचिका के बाद सभी 75 जनपदों के लिए बढ़ा दिया गया था। (अब कुछ कहेंगे कि ये प्रशिक्षु शिक्षक की भर्ती थी न कि सहायक अध्यापक की, उत्तर तो उन्हें दे सकते हैं पर पोस्ट को बड़ा नहीं करना चाहते इसलिए अवॉयड कर रहे हैं।)*
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7) अब बात करते हैं 29,334 भर्ती की ये सीनियर बेसिक स्कूल्स की भर्ती थी जिसमें 1981 और 2008 नियमावली से ही चयन/नियुक्ति की प्रक्रिया की गयी। इसमें भी किसी भी जनपद से आवेदन की छूट थी आप गाइडलाइन्स के क्लॉज़ 6(च) पर थोड़ा ध्यान दीजिए। एक जनपद में आवेदन की बाध्यता नहीं थी। सलंग्न है।
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*8) इस भर्ती में कॉउंसीलिंग से पहले कटऑफ जारी की गई यानी कोई अभ्यर्थी चाहता तो उसका 75 के 75 जनपदों में candidature हो सकता था इसमें कॉउंसीलिंग से पहले ही अभ्यर्थन सुनिश्चित हुआ जबकि जूनियर बेसिक स्कूल्स यानी प्राइमरी स्कूल में नियुक्ति के लिए इसका उलट रवैया अपना रखा है। 29334 भर्ती में जिस जनपद की कटऑफ में उसका चयन होता वहां जाकर कॉउंसीलिंग करा लेता मेरिट का devaluation इस से नहीं होता। प्रणाली ऑनलाइन न होने से समय तो लगा पर किसी प्रतिभा का अहित नहीं हुआ।*
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9) 12460 में मल्टीपल को बाहर करने का कोई आदेश सचिव द्वारा जारी नहीं हुआ है। यदि हुआ हो तो हमें कॉपी भेजकर सूचित करें न ही जनपद चयन समिति को मल्टीपल आवेदन करने वालो का अभ्यर्थन निरस्त किये जाने के सम्बंध में निर्णय लेने का निर्देश हुआ है। ऐसे में मल्टीपल को बाहर करना illegal और नियम विरुद्ध है।
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*10) जिन लोगों ने एक आवेदन किया है वो कह रहे हैं कि हमारी गलती क्या है? तो हम बता दें कि उनकी गलती यह है कि वो स्टेट लेवल candidature के लिए नहीं लड़े अपने स्वार्थ के कारण या नासमझी के कारण वो आप जानें। इस नियम 14(1)(a) और 6ख से उन लोगो का स्वार्थ जुड़ा है जो यह जानते हैं कि स्टेट स्तर पर चयन प्रक्रिया होने पर वो बाहर हो जाएंगे। (कुछ बुद्धिजीवी कहेंगे कि स्टेट हो ही नहीं सकता यह लोकल कैडर की पोस्ट है, उन्हें भी किसी और पोस्ट में उत्तर देंगे।)*
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11) मल्टीपल आवेदकों जिस जिस जनपद में आपकी कॉउंसीलिंग में अड़चन डाली जाती है वहां के DIET प्राचार्य और डीएम को इन तथ्यों की जानकारी दें जो हमने ऊपर लिखी हैं और कॉउंसीलिंग से रोका जाए तो डरे नहीं मजबूती से लिखित में लें कि काउंसलिंग क्यों नहीं करवाई जा रही है। साथ ही विरोध के बीच करवाई जाती है तो भी कॉउंसीलिंग के बाद हमें सूचित करें। फाइनल चयन सूची से पहले आपको बताएंगे की क्या करना है और यदि आपको बाहर किया जाता है तो हाइकोर्ट नहीं सीधा सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 32 के अंतर्गत जाने के लिए तैयार रहे।
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*12) आर्टिकल 32 के अंतर्गत नियम 14(1)(a) और क्लॉज़ 6(ख) को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे। मल्टीपल वाले डूबेंगे तो 15000, 16448, 12460 को भी ले डूबेंगे। इसलिए 12460 में चयनित लोग मल्टीपल वालो का साथ दे नहीं तो गेहूं के साथ घुन पिसेगा ही पिसेगा।*
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13) विरोध करना है तो फर्जी डिग्रियों और प्रमाणपत्र वालो का करिये जो रिक्ति खा जाएंगे और बाद में पकड़े जाने पर खाली होने के बाद भरे भी नहीं जाएंगे। फर्जी परिषदों और यूनिवर्सिटीज की पोस्ट हमने पूर्व में की थी स्क्रॉल करके देख सकते हैं।
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~AG
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PS:- मल्टीपल आवेदकों आपका लोकस स्टैंड पूरा है। यदि आपको किसी नियम या क्लॉज़ से आपत्ति होती है तो या तो सक्षम अधिकारी को इस बारे में आपको चयन सूची से बाहर होने से पहले विरोध जताना होता है, या चयन सूची जारी होने से पहले कोर्ट में जाना होता है या उस नियम के विपरीत जाकर कार्य करना होता है। फंडामेंटल राइट के मैटर्स में ये तीन कंडीशन भी फुलफिल करनी आवश्यक नहीं होती।
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