संवाद सहयोगी, हाथरस : फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले
दो शिक्षकों व एक शिक्षामित्र पर बर्खास्तगी के एक साल बाद अब जाकर रिपोर्ट
दर्ज हो सकी है।
बीएसए ने विगत दिनों तहरीर थाना हाथरस गेट पुलिस को दी
थी, जिसके आधार पर पुलिस अब दो शिक्षकों व एक शिक्षामित्र के खिलाफ रिपोर्ट
दर्ज की है।
नागरिक कल्याण भ्रष्टाचार एवं अपराध नियंत्रण के राष्ट्रीय महासचिव अजय
शर्मा ने फर्जी शिक्षकों पर रिपोर्ट दर्ज न होने तथा वेतन की रिकवरी न हो
पाने की शिकायत जिलाधिकारी डॉ. रमाशंकर मौर्य के समक्ष की थी। इस मामले को
गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने बीएसए रेखा सुमन को निर्देश जारी किए
थे। बीएसए ने डीएम के निर्देश मिलते ही रिपोर्ट दर्ज करा दी।
प्राथमिक विद्यालय परसारा में तैनात रही सहायक अध्यापिका शिक्षिका नगमा
हसन, प्राथमिक विद्यालय गढ़ी गिरधरा में तैनात रहे शिक्षक बाबूजी,
शिक्षामित्र अमर ¨सह का समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर प्राथमिक विद्यालय
बास पहुपी में हुआ था। सहायक अध्यापक बन जाने के बाद शिक्षक के प्रमाण पत्र
सत्यापन के लिए भेजे गए जो बाद में फर्जी निकले थे। दोनों शिक्षकों व
शिक्षामित्र की सेवा समाप्त पिछले साल 12 अप्रैल को ही बीएसए ने कर दी थी।
गुरुवार को बीएसए की तहरीर पर थाना हाथरस गेट में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई।
अब दोनों शिक्षक व शिक्षामित्र से पुलिस फर्जीवाड़े में पूछताछ भी कर सकती
है।
हो पाएगी रिकवरी?
फर्जी शिक्षकों व शिक्षामित्र के खिलाफ एक साल बाद ही सही रिपोर्ट तो
दर्ज हो गई लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि क्या विभागीय अधिकारी इन शिक्षकों व
शिक्षामित्र से प्राप्त किए गए वेतन की रिकवरी करा पाएंगे।
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