प्रधानाध्यापक संबद्ध, शिक्षामित्रों के हवाले स्कूल

अंबेडकरनगर : बेसिक शिक्षा विभाग में कदम-कदम पर गजब की मनमानी देखने को मिलती है। ग्रामीणांचल के स्कूलों में शिक्षकों की कमी और नगरीय स्कूलों में शिक्षकों की भरमार किसी से छुपी नहीं है।
इसके अलावा छात्र संख्या के अनुपात में करीब एक हजार शिक्षक अतिरिक्त तथा स्वीकृत पदों के सापेक्ष सभी विद्यालयों के संतृप्त होने का दावा किया जा रहा है। वहीं टांडा शिक्षाक्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय घूरनपुर आज भी शिक्षक विहीन संचालित है। विभाग ने इस स्कूल को शिक्षामित्रों को हवाले छोड़ दिया है।

गौरतलब है कि उक्त विद्यालय में प्रधानाध्यापक सैदा हुसैन के अलावा तीन शिक्षामित्रों में शोभावती, सत्यवती देवी और अंजनी कुमारी तैनात हैं। हालांकि शिक्षण की मजबूती को लेकर यह आंकड़े महज अभिलेखीय ही रह गए हैं। वजह प्रधानाध्यापक करीब चार साल से विद्यालय नहीं लौटे हैं। छात्रों को पढ़ाने के नाम पर हर माह वेतन लेने वाले गुरूजी के बारे में जानकारी मिली है कि वह गत पंचायत चुनाव के दौरान से ही कलेक्ट्रेट में संबद्ध हैं। इन हालात में यह विद्यालय फिलहाल शिक्षामित्रों के हवाले संचालित हो रहा है। हालांकि यहां तैनात शिक्षामित्र कुछ माह पहले तक शिक्षक पद पर समायोजित रहे। न्यायालय के निर्णय के उपरांत समायोजन रद होने पर उन्हें वापस शिक्षामित्र मान लिया गया है। मामले में टांडा तहसील निवासी प्रफुल्ल श्रीवास्तव ने मंडलायुक्त से शिकायत करते हुए बताया कि उक्त विद्यालय में गत तीन माह से एमडीएम भी बाधित है। यही नहीं डीएम और बीएसए से भी शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। खंड शिक्षा अधिकारी केपी ¨सह ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है। अभिलेखीय जांच के उपरांत अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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