शिक्षामित्रों को 12460 में कंसीडर किये जाने के ऑर्डर के सम्बंध में - AG
1) 12460 का शासनादेश आया 15.12.2016 को शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट से भी रद्द हुआ 25.07.2017 को।
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*2) कई शिक्षामित्रों ने 12460 में अप्लाई किया था यह सोचते हुए की उनकी नौकरी HC से तो चली गयी है और SC से भी जा सकती है।*
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3) अब इन्होंने मार्च 17 में कॉउंसीलिंग कराई या नहीं कराई यह तो स्पष्ट
नहीं है लेकिन अब जब वेरीफाई हुई 23.04.2018 को तब इनको नहीं लिया गया तो
याचिकाओं के रूप में ये कोर्ट पहुंचे।
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*4) कोर्ट ने कहा कि हो सकता है की प्रथम कॉउंसीलिंग के समय उनका इंटरेस्ट न
हो क्योंकि ये जॉब में थे पर जॉब जाने के बाद इनको इसकी सजा नहीं मिलनी
चाहिए जिसमें para 26 में सुप्रीम कोर्ट ने इनके फेवर में कहा है कि ये ओपन
कम्पटीशन में आ सकते हैं।*
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5) कोर्ट ने आदेश किया allow petitioners to participate in the ongoing
recruitment exercise and their candidature be also considered against
vacant posts on the strength of their merit and in accordance with law.
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*6) यही कारण है कि की जनपदों में संशोधित विज्ञप्तियां जारी हो रही हैं
क्योंकि कोर्ट केवल उन्ही शिक्षामित्रों को allow कर रही है जो कोर्ट जा
रहे हैं और वकीलों की चांदी हो रही है। सचिव की ओर से कोई निर्देश नहीं
है।*
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7) जो शिक्षामित्र अनारक्षित पदों की कटऑफ में आ रहे हैं उन्हें Unreserved
पदों पर लिया जाएगा और जो अनारक्षित में नही आ रहे हैं पर ओबीसी एससी में
आरहे हैं उन्हें उसमें।
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*8) जो BTCians इस कारण से बाहर हुए हैं मेरिट लिस्ट से उनके पास यही
ग्राउंड है कि पता लगाएं किस को लिया गया है और उसके कोर्ट ऑर्डर के
अगेंस्ट अपील करें और बोले की सिंगल जज ने गलती की है क्योंकि स्पष्ट
निर्देश है कि जिसने कॉउंसीलिंग में पार्टिसिपेट नहीं किया उसका अभ्यर्थन
समाप्त है। सरकारी वकील ठीक से लड़ नहीं पाते इसलिए ऐसे ऑर्डर होते हैं।*
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~AG