68500 भर्ती परीक्षा में 33% क्वालीफाइंग क्राइटेरिया और टेट 2017 के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने से रेगुलर बीटीसी की हार, जाग जाइये नहीं तो भुगतेंगे - AG

68500 भर्ती परीक्षा में 33% क्वालीफाइंग क्राइटेरिया और टेट 2017 के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने से रेगुलर बीटीसी की हार, जाग जाइये नहीं तो भुगतेंगे - AG

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1) 68500 भर्ती परीक्षा में सभी के लिए चाहे ओबीसी एससी कोई भी हो 33% मिनिमम  क्वालीफाइंग परसेंटेज रखी जा रही है यानी 150 में से कमसेकम 49 मार्क्स लाने होंगे।
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*2) इससे पास होने वालों की संख्या बढ़ जाएगी और इसका सीधा लाभ शिक्षामित्रों को मिलेगा।*
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3) टेट 2017 में 2 ग्रेस मार्क्स मिलने से 4446 नए टेट उत्तीर्ण निकल कर आये हैं जिसमें अधिकतर शिक्षामित्र हैं।
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*4) पर 2 ग्रेस मार्क्स से संतुष्ट न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट में कई SLP दाखिल हो रही हैं जिसमें उनके द्वारा और बोनस मार्क्स मांगे जा रहे हैं।*
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5) ज्यादा मार्क्स का मतलब ज्यादा टेट उत्तीर्ण शिक्षामित्र और इनका 25 अंक का भारांक रेगुलर बीटीसी को कहीं टिकने नहीं देगा। 150 में से 49 मार्क्स लाने वाले शिक्षामित्र भी आपको पछाड़ कर सेलेक्ट हो जाएंगे।
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*6) इसमें जनरल के साथ साथ ओबीसी और एससी को भी भयंकर नुकसान होगा। क्योंकि अनारक्षित सीट काटने के बाद ओबीसी और एससी का ही नम्बर आएगा और भारांक के बलबूते ओबीसी एससी सभी की सीटें ये ले उड़ेंगे।*
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7) इसलिए अवैध समायोजन रद्द कराने के बाद भी लड़ाई अभी लड़नी होगी जिसके दो चरण शेष हैं।
(i) ग्रेस मार्क्स के विरुद्ध लड़ना
(ii) 25 भारांक के विरुद्ध लड़ना
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*8) भर्ती और भर्ती परीक्षा के GO जारी हो चुके हैं लेकिन विज्ञापन अभी केवल भर्ती परीक्षा का आया है भर्ती का विज्ञापन अभी आना बाकी है इसलिए 25 भारांक के विरुद्ध अभी लड़ना ठीक नहीं होगा लेकिन ग्रेस मार्क्स के विरुद्ध लड़ाई बहुत आवश्यक है इग्नोर किया तो परिणाम गम्भीर होंगे।*
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9) ग्रेस मार्क्स का विरोध हाई कोर्ट में भी SPLA 86, 93/2018 में IA डालकर किया गया लेकिन फंड पर्याप्त न होने के कारण बीटीसी अभ्यर्थी सीनियर अधिवक्ता के माध्यम से अपनी बात कोर्ट के समक्ष नहीं रख पाए और एक दो गलती हो गयीं।
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*10) जैसे बीटीसी काउंसल ने कहा कि giving of grace marks on account of wrong questions to the candidates by the PNP would take up or increase the percentage of the concerned candidates meaning thereby that more number of candidates would get qualified in the said examination and consequently the level of competition would increase to the detriment of more meritorious candidates.*
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11) यानी कहा गया कि यदि ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं तो उससे टेट उत्तीर्ण की संख्या बढ़ जाएगी जिससे कम्पटीशन का लेवल बढ़ जाएगा और मेरिटोरियस अभ्यर्थी की हानि होगी। ये बिल्कुल वाहियात तर्क था जिसको जज ने यह कहकर खारिज कर दिया कि यह तो बालक बालिकाओं के लिए अच्छा रहेगा क्योंकि लेवल बढ़ने से तो बेस्ट में से भी बेस्ट का सिलेक्शन होगा।
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*12) जबकि कहना ये चाहिए था कि ऐसे ही ग्रेस मार्क्स देकर पास करना है तो टेट की आवश्यकता ही क्या है, NCTE क्या बेवकूफ हैं जो उन्होंने टेट में 60% का क्रिटेरिया रखा। टेट एक क्वालीफाइंग टेस्ट है जिसमें मिनिमम योग्यता सुनिश्चित की जाती है ऐसे में ग्रेस मार्क्स देकर PNP अयोग्य को योग्य कर रही है। सही प्रणाली यह होती कि प्रश्न डिलीट करके उससे % निकाल ली जाती।*(जज भारांक के मुद्दे से अभी अनभिज्ञ हैं और सुप्रीम कोर्ट के 25.07.2017 के निर्णय के कारण टेट के केस में इस कि गहराई में जाते ही नहीं)
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13) वेल जब मामला SC पहुंच गया है तो वहां बीटीसी को अपना पक्ष जोरदार तरीके से रखना चाहिए ताकि ग्रेस मार्क्स न मिलने पाये, टेट का एग्जाम रिक्रूटमेंट एग्जाम या एंट्रेंस एग्जाम नहीं है यह क्वालीफाइंग एग्जाम है और कोर्ट को यह बात समझाने के लिए सीनियर की आवश्यकता पड़ेगी ही, सीनियर न होने का नुकसान HC में आप देख चुके हैं।
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*14) उत्तरप्रदेश राज्य का टेट केस यूनिक है इसलिए नई बात समझाने के लिए सीनियर होना अति आवश्यक है क्योंकि बाकी कई राज्यो की तरह यहां टेट से मेरिट लिस्ट नहीं बननी है ऊपर से 25 भारांक भी है। ग्रेस मार्क्स से टेट उत्तीर्ण हुए शिक्षामित्र भर्ती परीक्षा में 49 मार्क्स ले आते हैं तो उसके बाद मिलने वाला 25 भारांक बीटीसी को हवा भी नहीं आने देगा।*
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~AG