मथुरा : शिक्षक भर्ती घोटाले में संलिप्त पटल बाबू निलंबित होने के बाद ड्यूटी पर नहीं पहुंचा है और विभागीय जांच की जिम्मेदारी संभाल रहे खंड शिक्षाधिकारी का भी तबादला हो गया है। ऐसे में विभागीय जांच शुरू नहीं हो सकी है। माना जा रहा है कि जांच में जितनी देरी होगी, विभागीय अधिकारियों को उतना ही फायदा मिलेगा और वह अपने स्तर से जांच को प्रभावित कर सकेंगे।
12460 शिक्षक भर्ती घोटाले में पटल बाबू महेश शर्मा का नाम सामने आने के बाद बीएसए द्वारा निलंबित कर फरह बीआरसी पर अटैच कर दिया गया था। इस प्रकरण की एफआइआर के अलावा विभागीय जांच की जिम्मेदारी खंड शिक्षाधिकारी फरह राकेश कुमार को सौंप दी गई। खंड शिक्षाधिकारी पटल बाबू का इंतजार ही करते रहे, लेकिन वह कभी बीआरसी फरह तक नहीं पहुंचे। जांच सौंपने के कुछ दिन बाद ही अब खंड शिक्षाधिकारी राकेश कुमार का ट्रांसफर होने के आदेश आ चुके हैं। बीएसए कार्यालय के गलियारों में चर्चा है कि जांच में जितनी देरी होगी, उतना ही आरोपितों को लाभ मिलेगा और वह जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकेंगे। जांच के आदेश को 15 दिन हो चुके हैं, लेकिन विभाग ने अभी कोई कदम नहीं उठाया है। माना जा रहा है कि यह जांच को ठंडे बस्ते में डालने की एक प्रक्रिया है। सभी इस मामले को शांत होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि इस प्रकरण को अपने हिसाब से दबाया जा सके। खंड शिक्षाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि बीआरसी से संबंद्ध करने के बाद से ही महेश शर्मा ड्यूटी पर नहीं आए हैं।
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