महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण देने में जमकर हुई मनमानी: UPPSC में सीधी भर्ती से चयनित कई महिलाओं के खिलाफ सीबीआइ को मिली शिकायतें, आयोग ने प्रावधान न होने पर भी उन्हें दिया लाभ

इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती के तहत चयनित वे महिलाएं सीबीआइ जांच की जद में आ गई हैं जिन्हें क्षैतिज आरक्षण का अनुचित लाभ मिला।
सीबीआइ अफसरों को आयोग से मिले रिकार्ड के पन्ने पलटने पर जानकारी हुई है कि कम सीटों वाली जिन भर्तियों में महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान नहीं था, उसमें भी यह व्यवस्था अपनाई गई। कार्मिक विभाग से महिला क्षैतिज आरक्षण का कोई निर्देश न होने के बावजूद आयोग के स्तर यह व्यवस्था लागू की गई।1राज्य विश्वविद्यालयों में कुलसचिव और आयुर्वेदिक कालेजों में प्राचार्य पद पर भर्ती में नियमों के उल्लंघन की बात सामने आई है। 2014 में सीधी भर्ती से चयनित महिलाओं के रिकार्ड सीबीआइ को मिले हैं। इनके आधार पर जांच अधिकारी और भी भर्तियों में महिला क्षैतिज आरक्षण का अनुचित लाभ दिए जाने का ब्योरा खंगाल रहे हैं। इनके अलावा अपर निजी सचिव (एपीएस) 2010 में भी हुई भर्तियों में पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव की कारगुजारी प्रकाश में आई है। सीबीआइ अफसरों को शिकायत मिली है कि एपीएस 2010 तथा कृषि तकनीकी सहायक भर्ती 2014 में भी अन्य राज्यों की महिलाओं को महिला आरक्षण का लाभ दिया गया। महिलाएं विवाहित हैं, पदवार और श्रेणीवार आरक्षण देने का अधिकार कार्मिक विभाग को है।