पीसीएस 2015 भर्ती के संदिग्ध चयनितों ने सीबीआई की पूछताछ में उगले कई राज, आयोग पर कार्रवाई का आधार बनाने को राज रखा गया गोपनीय

इलाहाबाद : भर्तियों में गड़बड़ी के मिले साक्ष्य और चयन के पीछे की पृष्ठभूमि पता लग जाने के कारण आखिर पीसीएस 2015 में गलत तरीके से चयनित अफसरों की जुबां पर बंद ताले खुल ही गए। सीबीआइ के दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ के दौरान कई चयनितों ने परीक्षा में गड़बड़ी के राज उगल दिए हैं।
इन चयनितों से पहले भी पूछताछ हो चुकी थी। इनसे सीबीआइ को पता चला है कि उप्र लोक सेवा आयोग (यूपी पीएससी) की परीक्षा में ‘खेल’ कहां कब और कैसे हुआ। चयनितों ने सीबीआइ को हलफनामा भी दिया है। जिसे फिलहाल सीबीआइ ने बड़ी कार्रवाई का आधार बनाने के लिए गोपनीय रखा है।
सीबीआइ ने पिछले महीने पीसीएस 2015 परीक्षा के उन चयनितों को समन भेजकर दिल्ली मुख्यालय बुलाया था जिनके चयन में गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं। इनमें टॉप सूची में शामिल चयनित भी हैं। समन मिलने के बाद कई चयनित तो सीबीआइ अधिकारियों के समक्ष पेश हुए। हालांकि उन्होंने प्रभावशाली लोगों से अपनी सिफारिश भी करवाई थी। सीबीआइ अफसरों ने साक्ष्यों के बलबूते इन चयनितों से पूछताछ शुरू की तो यूपी पीएससी के दफन राज खुलने लगे। सूत्र बताते हैं कि चार-छह चयनितों ने अपनी कहानी खुद बयां की। इनमें जाति विशेष का लाभ पाने वाले चयनितों ने उत्तर पुस्तिकाओं में बनाए गए विशेष चिह्न्, सफेदा, स्केलिंग व मॉडरेशन में अनुचित लाभ पाने के पीछे कारण बताया है। मौखिक ही नहीं, सीबीआइ ने इनसे सभी राज लिखित रूप से लिए हैं। सीबीआइ सूत्रों की मानें तो पीसीएस 2015 परीक्षा में गड़बड़ी उजागर करने और आयोग की घेरेबंदी के लिए यह राज मजबूत आधार बनेंगे। हालांकि इसे अभी गोपनीय रखा गया है। 1वहीं, समन की अनदेखी कर पूछताछ से कन्नी काट रहे पीसीएस अफसरों पर जांच अधिकारी शीघ्र ही शिकंजा कस सकते हैं। जांच अधिकारियों की मानें तो टॉप सूची में आए चयनितों का अगर स्वच्छ प्रतिस्पर्धा से चयन होने का दावा है तो वह पूछताछ से बचने की कोशिश क्यों कर रहे हैं। ऐसे में जांच की गति तेज करने के लिए ऐसे चयनितों पर शीघ्र ही कड़ाई की जाएगी। संबंधित पेज06।’>>सीबीआइ को दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ में बताया गड़बड़ी का सच 1’>>आयोग पर कार्रवाई का आधार बनाने को राज रखा गया गोपनीय