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अब एप बताएगा शिक्षकों को कोर्स पूरा करने का तरीका

परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की सहायता के लिए विभाग की ओर से एप का प्रयोग शुरू कर दिया गया है. इसके जरिए शिक्षकों को समय पर कोर्स खत्म कर छात्रों को रिवीजन कराने का भी समय बताया गया. इसके अलावा शिक्षकों को कक्षाओं में जाने से पहले नोट्स भी बनाकर देगा.
राजधानी में एप का प्रयोग शिक्षकों की ओर से प्रयोग के तौर पर शुरू कर दिया गया हैं. इससे पहले जिले में सिर्फ प्रशिक्षण लेने वाले चयनित शिक्षक ही एप का प्रयोग कर रहे थे. प्रयोग के पहले चरण में लगभग कुछ शिक्षकों के मोबाइल फोन पर इस एप को अपलोड कराया गया है. 15 सितंबर तक एप का प्रयोग कर रहे शिक्षकों से उनकी राय भी बेसिक शिक्षा विभाग को बतानी होगी.

शिक्षकों को अपडेट करने के लिए बनाया गया एप
एससीईआरटी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से सरकारी शिक्षकों को अपडेट करने के लिए एक मोबाइल एप तैयार किया है. इस मोबाइल एप के जरिए क्लास में पढ़ाई कराने से पहले शिक्षकों को सिर्फ पाठ और क्लास का नाम भरना होगा. एप शिक्षक को कुछ ही समय में उस पाठ से बच्चों के लिए महत्वपूर्ण और आसानी से समझ आने वाले तथ्यों की सूचना देगा. योजना के प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमर कांत सिंह ने बताया कि एप के जरिए शिक्षकों को पढ़ाने में रोचकता और सरलता दोनों ही बढ़ेगी. पहले चरण में उन शिक्षकों को भी शामिल किया है जिन्हें एप पर काम करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

आडियो और वीडियो मोड में होगा पढ़ाई
एप की सहायता से बच्चों को कम समय में शिक्षकों से सटीक उत्तर हासिल हो सकेंगे. इसके अलावा पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के बदले रोचकता के साथ पाठ को पढ़ाया जाएगा, जिससे बच्चे उसे आसानी से याद कर सकेंगे. अधिकारियों का यह भी मानना है कि एप की मदद से शिक्षक व बच्चे दोनों ही ऑडियो-वीडियो के माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे. प्रयोग में परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से 8 तक में पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी शामिल किया गया है. अधिकारियों की मानें तो एप की सहायता से कराई जाने वाली शिक्षा से बच्चों को विशेष लाभ होगा. प्रयोग में शामिल हुए बच्चों को पारंपरिक शिक्षा के बजाए रोचकता के साथ शिक्षा कराई जाएगी.

एप को काफी लम्बे समय से तैयार किया जा रहा था. इसका प्रशिक्षण डायट स्तर पर भी किया गया है. यह एप शिक्षकों के सहायता के लिए तैयार हुआ है. इसमें पूरा सिलेबस अपडेट किया गया हैं.

पवन कुमार सचान, प्राचार्य, डायट

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