आलोक उपाध्याय मांट के पूर्व माध्यमिक स्कूल में सहायक अध्यापक है। वह
पिछले चार महीने से फरार चल रहा था। एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि
आलोक ने कई लोगों से पैसे लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र थमाए थे।
गौरतलब है कि मथुरा में एसटीएफ ने इसी वर्ष 20 जून को बड़े शिक्षक भर्ती घोटाले का खुलासा किया था। इस खुलासे में 110 फर्जी शिक्षक पाए गए थे। सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। आलोक उपाध्याय के खिलाफ भी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज थी, लेकिन वह एसटीएफ के हत्थे नहीं चढ़ा था।
कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक विकास तोमर ने कहा, ‘‘आलोक लंबे समय तक शिक्षक नेता भी रहा है। एसटीएफ ने शनिवार को उसे पुराने बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने के बाद उससे कोतवाली में कई घण्टे पूछताछ की गई। वह शिक्षक भर्ती घोटाले का मास्टरमाइंड है।’’
गौरतलब है कि मथुरा में एसटीएफ ने इसी वर्ष 20 जून को बड़े शिक्षक भर्ती घोटाले का खुलासा किया था। इस खुलासे में 110 फर्जी शिक्षक पाए गए थे। सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। आलोक उपाध्याय के खिलाफ भी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज थी, लेकिन वह एसटीएफ के हत्थे नहीं चढ़ा था।
कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक विकास तोमर ने कहा, ‘‘आलोक लंबे समय तक शिक्षक नेता भी रहा है। एसटीएफ ने शनिवार को उसे पुराने बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने के बाद उससे कोतवाली में कई घण्टे पूछताछ की गई। वह शिक्षक भर्ती घोटाले का मास्टरमाइंड है।’’