मथुरा, जासं: शिक्षक भर्ती घोटाले का मास्टर माइंड कहे जा रहे आलोक
उपाध्याय की बीएसए कार्यालय में तूती बोलती थी। उसने कई कर्मचारियों को
भ्रष्टाचार के आरोप में विजिलेंस से पकड़वाने में भूमिका निभाई।
आलोक उपाध्याय ने एसटीएफ के समक्ष साथी के साथ मिलकर अपात्रों को सहायक शिक्षक पद पर तैनाती दिलाने की बात स्वीकार की है।
मांट ब्लॉक के डहरूआ गांव में सहायक शिक्षक पद पर आलोक उपाध्याय तैनात है। उसने एसटीएफ को बताया कि कोतवाली में मामला दर्ज होने के बाद इसी वर्ष जून से फरार चल रहा था। वर्ष 2015 में स्काउट घोटाले में भी आलोक की संलिप्तता थी। आरोपित ने खुद को यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन उप्र का अध्यक्ष घोषित किया था। इस संगठन की आड़ में कई अनैतिक और गैरकानूनी काम को अंजाम दिया।
आरोपित ने एबीएसए नारखी फीरोजाबाद प्रवीन कुमार, बीएसए मथुरा कार्यालय के बड़े बाबू कुंज बिहारी, लेखपाल देवीराम, सचिव ग्राम पंचायत तुलाराम को विजिलेंस से पकड़वाने में भूमिका निभाई। कहा जाता है कि बाद में वह विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को विजिलेंस का भय दिखाकर चौथ वसूली तक करता था। शिक्षा विभाग में हुई पिछली भर्तियों में उसने साथी शिक्षक वेगराज के साथ मिलकर अनेक अपात्र शिक्षकों को नियुक्त कराया।
आलोक उपाध्याय ने एसटीएफ के समक्ष साथी के साथ मिलकर अपात्रों को सहायक शिक्षक पद पर तैनाती दिलाने की बात स्वीकार की है।
मांट ब्लॉक के डहरूआ गांव में सहायक शिक्षक पद पर आलोक उपाध्याय तैनात है। उसने एसटीएफ को बताया कि कोतवाली में मामला दर्ज होने के बाद इसी वर्ष जून से फरार चल रहा था। वर्ष 2015 में स्काउट घोटाले में भी आलोक की संलिप्तता थी। आरोपित ने खुद को यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन उप्र का अध्यक्ष घोषित किया था। इस संगठन की आड़ में कई अनैतिक और गैरकानूनी काम को अंजाम दिया।
आरोपित ने एबीएसए नारखी फीरोजाबाद प्रवीन कुमार, बीएसए मथुरा कार्यालय के बड़े बाबू कुंज बिहारी, लेखपाल देवीराम, सचिव ग्राम पंचायत तुलाराम को विजिलेंस से पकड़वाने में भूमिका निभाई। कहा जाता है कि बाद में वह विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को विजिलेंस का भय दिखाकर चौथ वसूली तक करता था। शिक्षा विभाग में हुई पिछली भर्तियों में उसने साथी शिक्षक वेगराज के साथ मिलकर अनेक अपात्र शिक्षकों को नियुक्त कराया।