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टेंशन में परिषदीय गुरुजी, परीक्षाएं करवाएं या ट्रेनिंग करें:15 दिन में खत्म करना है बजट

शिक्षा विभाग के मुताबिक, ट्रेनिंग के लिए प्रति शिक्षक प्रतिदिन 100 रुपये ट्रेनिंग के लिए आते हैं। इस बार भी बजट आया है, लेकिन इसे मार्च में खत्म करना है। अन्यथा मार्च में फंड लैप्स हो जाएगा। ऐसे में अचानक ट्रेनिंग प्रोग्राम रख दिया गया है।


वित्तीय वर्ष के नजदीक आते ही ट्रेनिंग प्रोग्राम की भरमार लग जाती है। यदि यह ट्रेनिंग पूरे साल करवाई जाए तो शिक्षकों को एक समय में कई कार्य नहीं करने पड़ेंगे। पठन-पाठन बाधित नहीं होगा। शिक्षक विधिवत ट्रेनिंग भी ले सकेंगे।

- विनय कुमार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन उप्र• एनबीटी, लखनऊ : प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों में शनिवार से वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। लेकिन इससे पहले ही बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की ट्रेनिंग लगा दी है। अब इसको लेकर गुरुजी टेंशन में हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि परीक्षाएं करवाएं या लर्निंग आउटकम प्रशिक्षण में शामिल हों।

राजधानी के 9 ब्लॉकों में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी व जूनियर स्कूलों की वार्षिक परीक्षाएं शनिवार से होनी हैं। इसमें करीब दो लाख 29 हजार छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। परीक्षाओं के लिए सभी स्कूलों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। लेकिन परीक्षाओं के साथ-साथ मोहनलालगंज, चिनहट, काकोरी के खंड शिक्षा अधिकारियों ने अपने-अपने ब्लॉक के शिक्षकों की ड्यूटी लर्निंग आउटकम ट्रेनिंग प्रोग्राम में लगा दी है। यह ट्रेनिंग 18 मार्च से शुरू होकर 25 मार्च तक चलेगी। जिसमें शिक्षकों को अनिवार्य रूप से शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं। उसी दिन सुबह 9.30 बजे से अंग्रेजी जैसे प्रमुख विषय की परीक्षा है। ऐसे में शिक्षक परेशान हैं। उनका कहना है कि प्रशिक्षण में शामिल होने से परीक्षाएं करवाना मुश्किल हो जाएगा

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