प्रयागराज। फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल करने वाले प्राथमिक
विद्यालयों में तैनात सात शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही खंड
शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इन सातों शिक्षकों के खिलाफ
एफआईआर दर्ज कराते हुए इनसे अब तक किए गए वेतन भुगतान की रिकवरी की जाएगी।
इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा ने आवश्यक दिशा-निर्देश
जारी कर दिए हैं।
फर्जी दस्तावेज लगाने के मामले में प्रयागराज में तैनात जिन सात शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है, उनमें रमेश चंद साहू, मोहम्मद तौहीद, मुआज्जम आलम, विजय कुमार, नयन सिंह, उपासना देवी और सुनील कुमार शामिल हैं। वर्ष 2016 में 15 हजार शिक्षक भर्ती के तहत प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यक्ष के पद इनकी नियुक्ति हुई थी। आरोप था कि इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी प्रमाणपत्र एवं अन्य दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल की थी। इसे पूरे मामले की जांच कराई गई और लखनऊ विश्वविद्यालय को इनके दस्तावेज भेजकर सत्यापन कराया गया। लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि दस्तावेज विश्वविद्यालय में उपलब्ध रिकार्ड से मेल नहीं खाते हैं।
विश्वविद्यालय का जवाब मिलने के बाद इन सातों शिक्षकों को 20 जून तक बीएसए के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने और सही दस्तावेज दिखाने को कहा गया था। 20 जून को सात में से तीन शिक्षक बीएसए कार्यालय में उपस्थित हुए, लेकिन किसी के पास दस्तावेज नहीं थे। उन्होंने बीएसए से गुहार लगाई कि उनके दस्तावेज सत्यापन के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय को दोबारा भेज दिए जाएं। फिलहाल, उनकी मांग को ठुकरा दिया गया और सातों को बर्खास्त कर दिया गया। बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सातों शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए और नियुक्ति से लेकर अब तक जितना वेतन दिया गया है, उसकी रिकवरी की जाए।
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