प्रयागराज, जेएनएन। यूपीपीएससी की परीक्षा नियंत्रक
अंजू कटियार की गिरफ्तारी के बाद उनके कार्यकाल की अन्य भर्तियों पर उठे
सवाल तथा हो चुकी परीक्षाओं को निरस्त करने की अभ्यर्थियों की मांग पूरी
होने के आसार नहीं हैं। यूपीपीएससी ने इससे साफ इन्कार किया है।
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने कहा है कि अन्य भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के किसी के पास साक्ष्य हों तो वह चाहे तो कोर्ट जाकर प्रस्तुत कर सकता है। अभ्यर्थियों की मांग है कि पीसीएस जे 2018 की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा, पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा, आरओ/एआरओ 2017 की मुख्य परीक्षा, पीसीएस 2018 की परीक्षाएं निरस्त की जाएं। इसके साथ ही सात विषयों का परिणाम निकलने के बावजूद एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती भी निरस्त किए जाने की मांग है, क्योंकि इसी भर्ती में सामाजिक विज्ञान और हिंदी का प्रश्नपत्र वाराणसी स्थित प्रिंटिंग प्रेस से लीक होने का मामला उजागर हुआ है।
सचिव जगदीश का कहना है कि जो परीक्षाएं हो चुकीं हैं वह निरस्त नहीं होंगी। केवल गड़बड़ी की संभावना पर परीक्षाएं निरस्त करने का कोई औचित्य नहीं है। कहा कि जो ऐसा आरोप लगा रहे हैं उन्हें कोर्ट में जाकर साक्ष्य देना चाहिए।
आरओ-एआरओ भर्ती 2016 की एसटीएफ से कराएं जांच
आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने यूपीपीएससी की परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी के बाद अब 27 नवंबर 2016 को हुई आरओ/एआरओ 2016 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम पर रोक लगाए जाने की मांग की है। उन्होंने डीजीपी ओपी सिंह को इस प्रकरण की विवेचना सीबीसीआइडी से लेकर एसटीएफ के सुपुर्द करने तथा अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
अमिताभ ने ही आरओ/एआरओ 2016 की प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्नपत्र आउट होने तथा इसके सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले की एफआइआर लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज कराई है। जिसमें सीबीसीआइडी ने यह कहते हुए अंतिम रिपोर्ट भेजी है कि पेपर लीक के बारे में ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं। डीजीपी को लिखे पत्र में अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि जिस समय की यह घटना है उस समय भी परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार थीं। सीबीसीआइडी ने सतही विवेचना के आधार पर अंतिम रिपोर्ट लगा दी। जिसमें कई गंभीर कमियां हैं।
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उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने कहा है कि अन्य भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के किसी के पास साक्ष्य हों तो वह चाहे तो कोर्ट जाकर प्रस्तुत कर सकता है। अभ्यर्थियों की मांग है कि पीसीएस जे 2018 की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा, पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा, आरओ/एआरओ 2017 की मुख्य परीक्षा, पीसीएस 2018 की परीक्षाएं निरस्त की जाएं। इसके साथ ही सात विषयों का परिणाम निकलने के बावजूद एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती भी निरस्त किए जाने की मांग है, क्योंकि इसी भर्ती में सामाजिक विज्ञान और हिंदी का प्रश्नपत्र वाराणसी स्थित प्रिंटिंग प्रेस से लीक होने का मामला उजागर हुआ है।
सचिव जगदीश का कहना है कि जो परीक्षाएं हो चुकीं हैं वह निरस्त नहीं होंगी। केवल गड़बड़ी की संभावना पर परीक्षाएं निरस्त करने का कोई औचित्य नहीं है। कहा कि जो ऐसा आरोप लगा रहे हैं उन्हें कोर्ट में जाकर साक्ष्य देना चाहिए।
आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने यूपीपीएससी की परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी के बाद अब 27 नवंबर 2016 को हुई आरओ/एआरओ 2016 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम पर रोक लगाए जाने की मांग की है। उन्होंने डीजीपी ओपी सिंह को इस प्रकरण की विवेचना सीबीसीआइडी से लेकर एसटीएफ के सुपुर्द करने तथा अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
अमिताभ ने ही आरओ/एआरओ 2016 की प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्नपत्र आउट होने तथा इसके सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले की एफआइआर लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज कराई है। जिसमें सीबीसीआइडी ने यह कहते हुए अंतिम रिपोर्ट भेजी है कि पेपर लीक के बारे में ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं। डीजीपी को लिखे पत्र में अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि जिस समय की यह घटना है उस समय भी परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार थीं। सीबीसीआइडी ने सतही विवेचना के आधार पर अंतिम रिपोर्ट लगा दी। जिसमें कई गंभीर कमियां हैं।
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