यदि इन अध्यापकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण करके इनके गृह जनपद भेज दिया जाये,तो यह स्थिति उत्पन्न ही नहीं होगी।जब कतिपय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी NOC नहीं दे रहे थे अथवा NOC देकर निरस्त कर रहे थे तभी हमने पत्र लिखकर सरकार को अवगत कराया था कि यह शिक्षकों के साथ अन्याय है।परंतु कुछ विभागीय अधिकारी जब तक प्रकरण को मा न्यायालय में ले जाकर सरकारी पक्ष को गलत साबित नहीं करा देते हैं तब तक उन्हें चैन नहीं मिलता है।इसके अब तक अनेक उदाहरण हैं।
यही स्थिति अब अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में होने जा रही है ।
हम सरकार व शासन से पुनः अनुरोध करते हैं कि शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया से रोक हटायें।आपकी असीम कृपा होगी।