प्रयागगज : उत्तर प्रदेश लॉकसंवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं में हुईं गड़बड़ी की जांच सीबीआइ 35 महीने से कर रही है। इतनी लंबी अवधि तक जांच करने के बावजूद सीबीआइ के किसी निष्कर्ष पर न पहुंचने से शिकायतकर्ता प्रतियोगी छात्र चिंतित हैं। प्रतियोंगियों का मत है कि जिन परीक्षाओं की जांच चल रहों है, उसके चयनित मौजूदा समय प्रदेश के महत्वपूर्ण पदों पर काब्रिज हैं। वह सरकार को गुमगह करके जांच को प्रभावित कर रहे हैं।
योगी सरकार ने 20 जुलाई 2017 को 2012 से 20177 तक हुई समस्त परीक्षाओं को जांच सीबीआइ को सौंप दिया। प्रतियोगियों को लगा, जैसं गड़बड़ी करने वालों को सजा मिलेगा, लेकिन वैसा हुआ नहीं। सीबीआइ जिन 550 भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रहा है, उसमें 35 हजार से अधिक अध्यर्थियों का चयन हुआ है। सीबीआइ की जांच तेज करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रवक्ता अवनाश पांडेय का कहना है कि विवादित परीक्षाओं में चयनित महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हैं। वह खुद का बचान के लिए शासन के साथ भितरघात कर रह हैं। मुख्यमंत्री को स्वयं सीबीआइ के अफसरों से बात करके उनकी दिक्कतों को दूर करना होंगा।
योगी सरकार ने 20 जुलाई 2017 को 2012 से 20177 तक हुई समस्त परीक्षाओं को जांच सीबीआइ को सौंप दिया। प्रतियोगियों को लगा, जैसं गड़बड़ी करने वालों को सजा मिलेगा, लेकिन वैसा हुआ नहीं। सीबीआइ जिन 550 भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रहा है, उसमें 35 हजार से अधिक अध्यर्थियों का चयन हुआ है। सीबीआइ की जांच तेज करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रवक्ता अवनाश पांडेय का कहना है कि विवादित परीक्षाओं में चयनित महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हैं। वह खुद का बचान के लिए शासन के साथ भितरघात कर रह हैं। मुख्यमंत्री को स्वयं सीबीआइ के अफसरों से बात करके उनकी दिक्कतों को दूर करना होंगा।