अनामिका शुक्ला प्रकरण: पुष्पेंद्र 7 साल से हर काउंसलिंग में हो रहा था शामिल, जानिए किन किन जिलों में मिलीं नई अनामिकाएं

मैनपुरी ॥ अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका के मास्टरमाइंड की जड़ें बहुत गहरी हैं। बीएसए कार्यलय के सूत्रों के अनुसार उसे पिछले सात वर्ष में हुई शिक्षक भर्ती, अनुदेशक आदि की प्रत्येक काउंसलिंग में किसी ने किसी के साथ आते-जाते देखा गया है। वह भर्ती के दौशन अधिकतर महिला अभ्यर्थियों के साथ ही आया है।
अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका मामले के मास्टरमाइंड की फोटो अखबारों में छपी तो चर्चाएं और बढ़ गईं। बीएसए कार्यालय के सूत्र कहते हैं, पुष्पेंद्र जिन महिलाओं को काउंसलिंग में साथ लाता था उन्हें अपनी बुआ, भतीजी या बहन बताता था। अब जब शासन ने सभी शिक्षक भर्तियों की जांच के आदेश दिए हैं तो बड़ा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि कई शिक्षिकाओं को भी पुष्पेंद्र ने नौकरी दिलवाई है। उनके अभिलेखों की सत्यता अब जांच के बाद ही पता लग सकेगी। फिलहाल अब लोगों की नजर शासन के निर्देश पर गठित टीम पर है जिसका प्रभारी एसडीएम को नियुक्त किया गया है।



कासगंज :संदेह के घेरे में आई शिक्षिका का मांगा रिकॉर्ड कासगंज। कस्तूरबा विद्यालयों के सभी कर्मचारियों के मूल दस्तावेजों की जांच के दौरान संदेह घेरे में आई शिक्षिका लक्ष्मी का रिकॉर्ड मांगा गया है। मैनपुरी के भोगांव में रहने बाली शिक्षिका लक्ष्मी ने बीएसए के नोटिस व चेतावनी के बाद भी इस शिक्षिका ने दस्तावेज जमा नहीं कराए हैं। लक्ष्मी वर्ष 2016 से कस्तूरबा गांधी आबासीय विद्यालय रानामऊ अमांपुर में यूर्णकालिक शिक्षिका के पद पर तैनात है। स्वप्रमाणित दस्तावेज के अनुसार सार लक्ष्मी ने 10वीं और 12वीं जवाहर नवोदय से की हैं। आगरा यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई की है।

अनामिका के नाम पर नौकरी करने वाली 'रीना' भी फर्जी
प्रयागराज। अनामिका ला के नाम से जिले में स्थित केजीबीबी में नौकरी करने वाली “रीना सिंह' भी फर्जी निकली। पता चला कि निवास प्रमाणपत्र में यह नाम भी गलत है और दूसरे के दस्ताबेजों पर नौकरी करने आल युवती बती कोई और है, जो कानपुर की रहने वाली है। पिछले दिनों प्रकरण के खुलासे के बाद पता चला कि था कि व स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में भी अनामिका शुक्ला के नाम से एक शिक्षिका नौकरों कर रहो है। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि शिक्षिका ने बिना मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र दिखाए ही कार्यभार ग्रहण कर लिया।

फर्जी शिक्षिका दीप्ति सिंह के खिलाफ केस दर्ज
जौनपुर। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिहिया को प्रभारी प्रधानाध्यापक दीप्ति सिंह की नियुक्ति में फर्जीबाड़े का खुलासा होने पर डीआईओएस ने बृहस्पतिवार को उसकी बर्खास्तगी की संस्तुति करते कोतवाली में धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज कराया है। मैनपुरी जिले के भैसरौली भोगांज निवासी दीप्ति सिंह की नियुक्ति 19 नवंबर 2015 को राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिहिया में अध्यापक के पद पर हुई थी। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में फर्जी नियुक्ति करने के मामले में गिरफ्तार जौनपुर बोौएसए दफ्तर के ईएमआईएस इंचार्ज आनंद सिंह ब उसके गिरोह के दो अन्य साथियों ने एसटीएफ लखनऊ को बताया था कि उसने जौनपुर में दीप्ति की भी फर्जी नियुक्ति कराई है। संवाद