प्रयागराज : सहायक शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े की जांच कर रही स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पत्र भेजा है। ऐसे अभ्यर्थियों के बारे में जानकारी मांगी गई है, जिन पर कथित रूप से फर्जीवाड़ा कर लिखित परीक्षा पास करने के आरोप लग रहे हैं। पत्र का जवाब मिलने के बाद एसटीएफ मामले में आगे की कार्रवाई करेगी।
कुछ दिन पहले अलग-अलग माध्यम से एसटीएफ को शिकायत मिली थी। इसमें कई जिलों के अभ्यर्थियों पर फर्जीवाड़ा कर सहायक शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा पास करने व अधिक अंक हासिल करने का आरोप लगाया था। अभ्यर्थियों के नाम, रोल नंबर और लिखित परीक्षा में मिले अंक की जानकारी शिकायत में दी गई थी साथ ही यह भी कहा गया था कि फर्जीवाड़ा करने वाले सरगना डॉ. केएल पटेल और उसके गिरोह के सदस्यों को पैसा देकर लिखित परीक्षा पास कराई गई।
एसटीएफ की शुरुआती जांच में ऐसे अभ्यर्थियों पर शक गहराया था। इसके बाद ही अधिकारियों ने सच्चाई का पता लगाने के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी से पत्रचार किया है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस अभ्यर्थी को कितने अंक मिले हैं। यह भी कहा जा रहा है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी के जवाब और शिकायत में बताए गए अंक सही पाए जाते हैं तो उसके आधार पर छानबीन करते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी। फर्जीवाड़ा मामले में स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव व मायापति दुबे, दुर्गेश पटेल, संदीप पटेल अभी तक फरार हैं।
कुछ दिन पहले अलग-अलग माध्यम से एसटीएफ को शिकायत मिली थी। इसमें कई जिलों के अभ्यर्थियों पर फर्जीवाड़ा कर सहायक शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा पास करने व अधिक अंक हासिल करने का आरोप लगाया था। अभ्यर्थियों के नाम, रोल नंबर और लिखित परीक्षा में मिले अंक की जानकारी शिकायत में दी गई थी साथ ही यह भी कहा गया था कि फर्जीवाड़ा करने वाले सरगना डॉ. केएल पटेल और उसके गिरोह के सदस्यों को पैसा देकर लिखित परीक्षा पास कराई गई।
एसटीएफ की शुरुआती जांच में ऐसे अभ्यर्थियों पर शक गहराया था। इसके बाद ही अधिकारियों ने सच्चाई का पता लगाने के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी से पत्रचार किया है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस अभ्यर्थी को कितने अंक मिले हैं। यह भी कहा जा रहा है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी के जवाब और शिकायत में बताए गए अंक सही पाए जाते हैं तो उसके आधार पर छानबीन करते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी। फर्जीवाड़ा मामले में स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव व मायापति दुबे, दुर्गेश पटेल, संदीप पटेल अभी तक फरार हैं।