दिल्ली, पंजाब, राजस्थान समेत आठ राज्यों के अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों की तीन महीने की (एक अप्रैल से जून तक की) फीस माफ करने और नियमित स्कूल शुरू होने तक फीस रेगुलेट किए जाने की मांग की है।
मांग है कि फीस न देने के कारण बच्चों को स्कूल से न निकाला जाए क्योंकि कोरोना महामारी के चलते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में बहुत से अभिभावक फीस देने में असमर्थ हो गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वह याचिका में प्रतिवादी बनाए गए आठों राज्यों राजस्थान, ओडिशा, गुजरात, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश को या फिर सभी राज्यों को इस बारे में आदेश दे।
विभिन्न राज्यों के रहने वाले कुल दस अभिवावकों की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वे लोग जीवन और शिक्षा के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए मिल कर सुप्रीम कोर्ट आए हैं।
मांग है कि फीस न देने के कारण बच्चों को स्कूल से न निकाला जाए क्योंकि कोरोना महामारी के चलते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में बहुत से अभिभावक फीस देने में असमर्थ हो गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वह याचिका में प्रतिवादी बनाए गए आठों राज्यों राजस्थान, ओडिशा, गुजरात, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश को या फिर सभी राज्यों को इस बारे में आदेश दे।
विभिन्न राज्यों के रहने वाले कुल दस अभिवावकों की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वे लोग जीवन और शिक्षा के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए मिल कर सुप्रीम कोर्ट आए हैं।