लखनऊ : पेंशन सिर्फ उसी कर्मचारी को मिलेगी जिसकी किसी स्थायी या अस्थायी पद पर संबंधित सेवा नियमावली के अनुसार नियुक्ति की गई हो। पेंशन/पारिवारिक पेंशन आदि सेवा लाभों के लिए कर्मचारी की नियमित नियुक्ति की तारीख को ही आधार माना जाएगा।
राज्यपाल की मंजूरी के बाद सरकार ने ’उप्र पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा एवं विधिमान्यकरण अध्यादेश, 2020’ को सरकारी गजट में अधिसूचित कर दिया है। अधिसूचित होने के साथ यह अध्यादेश प्रभावी भी हो गया है।राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में वर्कचार्ज, डेली वेज, संविदा आदि पर कर्मचारी रखे जाते रहे हैं। समय-समय पर सरकार ने नीतिगत निर्णय लेकर ऐसे कर्मचारियों को सरकार सेवा में नियमित भी किया है। तमाम वर्कचार्ज और डेली वेज कर्मचारियों को अतीत में बैकडोर एंट्री दे दी गई। वे भी पिछली सेवा के आधार पर पेंशन/पारिवारिक पेंशन की मांग करते हैं। अक्सर ऐसे कर्मचारी अपने पेंशन देयों के लिए वर्कचार्ज, डेली वेज, संविदा के कार्यकाल को जोडऩे के लिए दबाव बनाते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में अदालत का दरवाजा भी खटखटाते हैं। अनावश्यक मुकदमेबाजी और सरकारी खजाने पर बढ़ते बोझ से बचने के लिए सरकार ने यह अध्यादेश लागू किया है जिसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि पेंशन किसे मिलेगी और इसकी गणना का आधार क्या होगा।