प्रयागराज। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य (संस्था प्रधान) के 1453 रिक्त पदों पर भर्ती तीन महीने बाद शुरू होने के आसार हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को टीजीटी-पीजीटी के 15508 पदों के साथ ही प्रधानाचार्यों की भी भर्ती शुरू करनी थी लेकिन कुछ तकनीकी अड़चनों से यह भर्ती टाल दी गई है। सबसे
महत्वपूर्ण बात यह है कि चयन बोर्ड अब तक 2013 में शुरू प्रधानाचार्य भर्ती का साक्षात्कार शुरू नहीं कर पाया है। प्रधानाचार्यों के 634 पदों पर चयन के लिए साक्षात्कार जनवरी में प्रस्तावित है जिसके बाद जनवरी अंतया फरवरी के पहले सप्ताह में 1453 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी होने की उम्मीद है। प्रधानाचार्य भर्ती शुरू न होने का दूसरा बड़ा कारण है कि संजय सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2021 से पहले चयन प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए हैं। टीजीटी-पीजीटी के साथ प्रधानाचार्य भर्ती इन नौ महीनों में संभव नहीं, इसलिए शिक्षक भर्ती से इसे अलग कर लिया गया ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन हो सके।
कम से कम 200 कार्य दिवस में होगा इंटरव्यू
प्रधानाचार्यों के 1453 पदों पर चयन के लिए साक्षात्कार में कम से कम 200 कार्य
दिवस का समय लगेगा। एक पद पर 7 अभ्यर्थी के हिसाब से 10171 अभ्यर्थियों
का साक्षात्कार होना है। एक दिन में 500 अभ्यर्थियों का भी इंटरव्होयू तो 200
कार्य दिवस लगेंगे। फॉर्मो की छंटाई और कैजिंग में तीन-चार महीने लगेंगे।
पहली बार इतने प्रधानाचार्यों का चयन
चयन बोर्ड को प्रधानाचार्यों के 1453 पदों का अधियाचन मिला है। यह पहला अवसर
है जब इतनी बड़ी संख्या में चयन होगा। इससे पहले 2013 में 634, 2011 में
942, 2008 में 1139, 2002 में 990, 2000 में 517 जबकि 1998 में 640 पद
विज्ञापित हुए थे।