लखनऊ : प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में कार्यरत तीन हजार शिक्षक एकल स्थानान्तरण के लिए कतार में खड़े हैं। मौजूदा पेचीदा नियमों के कारण कारण उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पा रही है। इस कारण अब माध्यमिक की तरह उच्च शिक्षा में भी नियमों में बदलाव की मांग तेज होने लगी है।
प्रबंधकीय व्यवस्था वाले इन सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में एकल स्थानान्तरण की सुविधा तो है लेकिन इसमें दोनों महाविद्यालयों के प्रबंध तंत्र के अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) का पेंच फंसा हुआ है। इस कारण आवेदक को पहले उस महाविद्यालय की एनओसी लेनी पड़ती है जहां वह पढ़ा रहे हैं, फिर उस महाविद्यालय से भी एनओसी लेनी पड़ती है जहां वे अपना तबादला चाहते हैं। यही व्यवस्था पहले माध्यमिक के सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में थीलेकिन शासन ने इसमें बदलाव कर दिया।
शिक्षक महासंघ ने उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है :: उत्तर प्रदेश विवि महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुफुक्टा ) ने इस संबंध में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को ज्ञापन देकर अनिवार्य एनओसी व्यवस्था समाप्त करते हुए आनलाइन एकल स्थानान्तरण करने की मांग की है।