परिषदीय स्कूलों में पठन-पाठन बेहतर करने व संसाधनों के विकास की कवायद चल रही है लेकिन अभी लक्ष्य दूर है। कायाकल्प योजना का लाभ जिले में सिर्फ 450 स्कूलों को पूरी तरह से मिल पाया है। अन्य स्कूलों में कार्य कराए जा रहे हैं लेकिन उन्हें संतृप्त नहीं माना जा रहा है। वजह यह कि निर्धारित सभी 14 मानकों पर कार्य नहीं हुए हैं। प्रस्तुत है खास रिपोर्ट।
400 स्कूलों में बनाए जा रहे हैं दिव्यांगों के लिए रैंप
3478 थी संविलयन के पहले जिले में कुल पाठशाला
840स्कूलों में चल रही बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया मंद
इन बिन्दुओं पर कई स्कूल संतृप्त नहीं
बिन्दुओं में बिजली, पेय जल, हैंडवॉश के लिए मल्टीपल टोटी, बालक व बालिकाओं के लिए शौचालय, विकलांगों के लिए भी शौचालय, रैंप, डस्टविन, शौचालय में टाइल्स, स्कूल में रसोई आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।
36 जिलों की स्थिति बहुत खराब जिसमें प्रयागराज भी शामिल
काया कल्प योजना के तहत सभी स्कूलों में कुछ न कुछ कार्य कराए जा रहे हैं। कुछ बिन्दुओं पर स्कूल संतृप्त नहीं हुए हैं। डीएम ने चहारदीवारी के लिए भी निर्देशित किया है। कहा, इससे विद्यालय सुरक्षित होंगे।
संजय कुशवाहा, बेसिक शिक्षाधिकारी।