लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Primary Teachers Recruitment) के दूसरे चरण में नियुक्ति पाए 36 हजार से ज्यादा शिक्षकों की लॉटरी लग सकती है. योगी सरकार उन्हें एक और सौगात दे सकती है. यदि सब ठीक-ठाक रहा तो दिव्यांगों और महिलाओं के साथ ही बाकी नवनियुक्त शिक्षकों को भी अपने मनचाहे स्कूल में तैनाती दी जा सकेगी. इस मसले पर बेसिक शिक्षा विभाग और सरकार में गहनता से विचार चल रहा है.
बेसिक शिक्षा मंत्रालय के एक बहुत ही सीनियर व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर इसकी पुष्टि की है. उनका कहना है कि ये भेदभाव नहीं होना चाहिए और सभी को बराबर का मौका मिलना चाहिए. इससे किसी के मन में कोई खिन्नता भी पैदा नहीं होगी. इससे तैनाती में पारदर्शिता भी आएगी. उनका ये भी कहना है कि पहले चरण में जब 31 हजार शिक्षकों को स्कूलों का आवंटन किया गया था, तब भी वे इसी के पक्ष में थे. लेकिन, तब किन्हीं कारणों से इसे अंजाम नहीं दिया जा सका था. इस बार इसकी भरपूर कोशिश की जाएगी कि सभी शिक्षकों को उनके मनचाहे स्कूल में तैनाती मिल सके.
अभी तक ये रही है व्यवस्था
बता दें कि शिक्षक भर्ती में दिव्यांगों और महिलाओं को एक विशेष अधिकार प्राप्त है. ये अधिकार इन्हें यूपी बेसिक शिक्षा (अध्यापक तैनाती) नियमावली 2008 देता है. इसके तहत इन दोनों कैटेगरी के शिक्षकों को उनके पसंदीदा स्कूलों में तैनाती दी जाती है. इसके लिए विभाग उनसे 3 स्कूल का ऑप्शन मांगता है. इन दोनों ही कैटेगरी के शिक्षकों को जब तैनाती दे दी जाती है, उसके बाद ही बाकी शिक्षकों को शेष बचे स्कूलों में तैनाती दी जाती है. ऐसे बचे हुए शिक्षकों को विभाग अपना पसंदीदा स्कूल चुनने का कोई ऑप्शन नहीं देता है. इसे एक सॉफ्टवेयर के जरिये रैण्डमली आवंटित कर दिया जाता है. अब 2008 की इसी नियमावली में बदलाव किए जाने पर विभाग में तेजी से विचार चल रहा है.
ट्रांसफर के लिए 'जुगाड़' खत्म होने की उम्मीद
विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों का भी मानना है कि ऐसा होने से काफी सहूलियत होगी. आखिर शिक्षकों को स्कूलों में ही तैनाती दी जानी है. ऐसे में यदि उन्हें मनचाहे स्कूल में तैनाती मिल जाये तो पठन-पाठन बेहतर ढ़ंग से हो सकता है. साथ ही मनचाहे स्कूलों में तैनाती पाने के लिए किया जाने वाला जुगाड़ सिस्टम भी ध्वस्त हो जायेगा. तैनाती के बाद ट्रांसफर के लिए भी किया जाने वाला जुगाड़ खत्म हो जायेगा. इससे पारदर्शिता आयेगी.
बता दें कि 69 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के दूसरे चरण में 36 हजार से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति दे दी गई है, लेकिन उन्हें स्कूलों में तैनाती का इंतजार है. अपने मनचाहे स्कूल में तैनाती के लिए ऐसे शिक्षकों में से एक बड़ी संख्या उनकी है, जो इस खातिर नेताओं और अफसरों के चक्कर लगा रहे हैं.