समस्त शिक्षकों/शिक्षा मित्रों/अनुदेशकों के लिये मिशन प्रेरणा की जानकारी के लिए विशेष

 सपोर्टिव सुपरविजन के दौरान अध्यापकों को नोट कराए जाने वाले महत्वपूर्ण बिंदु । इसमें पूरे मिशन की सफलता का सार लिखा है बिंदुओं को ध्यान पूर्वक पढ़ कर यदि कहीं कोई संशोधन की आवश्यकता है तो कृपया संशोधन करें और अपने अपने विकास क्षेत्र  में समस्त शिक्षकों को नोट कराएं ताकि समस्त जनपद  में एक ही संदेश प्रेषित हो।



1- मिशन प्रेरणा

    यह सरकार का सर्वोच्च  महत्वकांक्षी कार्यक्रम है जो 5 सितंबर 2019 से गतिमान है जिसका उद्देश्य प्रेरणा लक्ष्य में परिभाषित है।
              अथवा
यह सरकार की सर्वोच्च महत्वाकांक्षी योजना है । यह 5 सितंबर 2019 को लागू हुई थी। इसका उद्देश्य परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत सभी बच्चों को Grade Competency हासिल कराना है।

2- प्रेरणा लक्ष्य

   कक्षा वार एवं विषय वार निर्धारित न्यूनतम अधिगम स्तर ही प्रेरणा लक्ष्य है।
     जो कक्षा 1 से  5 तक भाषा और गणित के लिए निर्धारित किए गए हैं। इस प्रकार 5 भाषा के और 5 गणित के लक्ष्य हैं।
भाषा-  5, 20, 30 ,छोटा 75, बड़ा 75
गणित -5 ,75 ,75  ,75 ,75

3-  प्रेरणा सूची

कक्षा वार एवं विषय वार अपेक्षित  दक्षताओं की सूची ही प्रेरणा सूची है।
           Or
बच्चों में विकसित की जाने वाली कक्षा वार एवं विषय वार अपेक्षित दक्षताओं की सूची प्रेरणा सूची कहलाती है। कक्षा 1 से 3 तक 14 -14 एवं कक्षा 4और 5 में 16-16  दक्षताएं निर्धारित हैं। यह प्रेरणा लक्ष्य रूपी छत पर चढ़ने के लिए बनाई गई सीढ़ी है।

4- प्रेरणा तालिका

बच्चों के द्वारा अर्जित की गई कक्षा वार एवं विषय वार दक्षताओं की वास्तविक स्थिति को प्रदर्शित करने वाली तालिका ही प्रेरणा तालिका कहलाती है । इसमें भी प्रेरणा सूची में वर्णित दक्षताएं ही दी गई हैं इसके अतिरिक्त इसमें 1 से लेकर 30 तक छात्रों का विवरण और जोड़ दिया गया है यहां हम छात्रों का नाम लिख देंगे।
     

5-  लर्निंग आउटकम 

        इसका शाब्दिक अर्थ होता है अधिगम के प्रतिफल/ सीखने के परिणाम /अधिगम संप्राप्ति।

        लेकिन जिस भाव से इस शब्द का प्रयोग पाठ्य पुस्तकों में /शैक्षिक जगत में किया जा रहा है उसके अनुसार इसका अर्थ कुछ इस प्रकार है-
   
    विद्यार्थियों के सीखने को ध्यान में रखते हुए दैनिक कक्षा शिक्षण के उद्देश्य से कक्षावार, विषय वार पाठ्यक्रम में निर्धारित ज्ञान को छोटे-छोटे भागों में विभाजित किया गया है जिसे लर्निंग आउटकम या एक्सपेक्टेड लर्निंग आउटकम कहते हैं।
          
अथवा

    विद्यार्थियों में विकसित की जाने वाली कक्षा के स्तरानुसार, विषय वार, पाठ्यक्रम में निर्धारित अपेक्षित दक्षताओं को ही  अपेक्षित सीखने के प्रतिफल कहते हैं।

   अथवा 

      अपेक्षित अधिगम प्रतिफल /दक्षताओं का बच्चों के व्यवहार में परिलक्षित होना ही वास्तविक अधिगम के प्रतिफल (Actual Learning outcomes ) या लर्निंग आउटकम का प्राप्त होना कहलाता है।

अपेक्षित सीखने के प्रतिफल Expected learning outcomes

कक्षा के स्तर के अनुसार एवं विषय वार पाठ्यक्रम में निर्धारित अपेक्षित दक्षताएं ही अपेक्षित सीखने के प्रतिफल (Expected Learning outcomes )/अपेक्षित सीखने के परिणाम /अपेक्षित अधिगम संप्राप्ति हैं।

6- वास्तविक अधिगम प्रतिफल

     कक्षावार एवं विषय वार पाठ्यक्रम में निर्धारित अपेक्षित दक्षताओं में से बच्चे द्वारा अर्जित दक्षताएं जो उसके व्यवहार में परिलक्षित होती हैं वास्तविक अधिगम प्रतिफल कहलाता है।

7-  अधिगम स्तर में अंतर Learning Gap

कक्षा अनुरूप अपेक्षित अधिगम स्तर और वास्तविक अधिगम स्तर के अंतर को अधिगम स्तर में अंतर( learning gap )कहते हैं।

EL-AL= LG
 
Expected learning outcome-Actual learning outcome= Learning gap

8- अध्ययन- अध्यापन की दृष्टि से लर्निंग आउटकम को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है-

a-  Focal learning outcomes केंद्रिक लर्निंग आउटकम

यह व्यापक दृष्टिकोण पर आधारित होते हैं।

b-  Nested learning outcomes
नेस्टेड लर्निंग आउटकम

     नेस्टेड का अर्थ होता है छुपा हुआ अंतर्निहित अर्थात् यह फोकल लर्निंग आउटकम के अंदर निहित होते हैं जो सीधे तौर पर शिक्षण प्रक्रिया को दिशा देने तथा शिक्षण में सुधार की दृष्टि से विकसित किए गए हैं।

c-  उप लर्निंग आउटकम

   नेस्टेड लर्निंग आउटकम को उप लर्निंग आउटकम में विभाजित किया गया है जिनके आधार पर शिक्षक कक्षा शिक्षण करते हैं।

भाषा के लिए चार फोकल लर्निंग आउटकम हैं

 1-    सुनना बोलना ,
2- पढ़ना लिखना 
3- भाषा संरचना और व्याकरण
4-  कल्पना और सृजनशीलता

गणित के लिए 5 फोकल लर्निंग आउटकम निर्धारित हैं-