फर्जी शिक्षक मामला: साहब! नहीं करनी शिक्षिका की नौकरी, सेवानिवृति दे दें
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के फर्जी अभिलेखों के सहारे परिषदीय विद्यालय में नौकरी करने वाले शिक्षका को जब पोल खुलने का डर सताने लगा तो उसने बीएसए को पत्र लिखकर सेवानिवृत्ति की मांग कर डाली। गुमराह करने की भरपूर कोशिश की मगर दाल न गली।
विभाग से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगने वाली शिक्षिका के विरुद्ध फर्जीवाड़ा के आरोप पुष्ट हुए। बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी शिक्षिका को बर्खास्त कर उनके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों की जांच के दौरान बीएसए कार्यालय में गत जून को गोला ब्लॉक के पूमावि ककरही की सहायक अध्यापक साधना देवी का स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन मिला।
शिक्षिका द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन करने पर विभाग को दाल में काला नजर आया। इसके बाद शिक्षिका के हाईस्कूल व इंटर के अंकपत्रों को संबंधित विद्यालय में सत्यापन के लिए भेजा गया।
विद्यालय से आई सत्यापन रिपोर्ट में अंकपत्र को सही करार दिया गया था। सत्यापन रिपोर्ट के संदिग्ध मिलने पर विभाग ने एक बार फिर विद्यालय से अंकपत्रों का सत्यापन कराने को कहा।
विद्यालय ने अंकपत्रों को फर्जी करार दिया। विद्यालय ने कहा कि विभाग को भेजी गई सत्यापन रिपोर्ट उनके द्वारा जारी नहीं हुई है। शिक्षिका का बीटीसी अंकपत्र भी फर्जी पाया गया। विभाग ने इस फर्जीवाड़ा पर शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया। बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि पत्र मिलने के बाद दस्तावेजो की जांच में शिक्षिका फर्जी मिली हैं। इन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।