लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि बीते साढ़े चार वर्षों में हुए सुधार कार्यों से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के प्रति लोगों की धारणा बदली है। 2017 से पहले परिषदीय स्कूल बंद होने के कगार पर थे, लेकिन प्रदेश सरकार की पहल और प्रयास से बीते चार वर्षों में परिषदीय स्कूलों में 54 लाख नए नामांकन हुए 1.30 लाख विद्यालयों का कायाकल्प किया है।
राजधानी स्थित अटल कन्वेंशन सेंटर में बुधवार को आयोजित अनुदेशकों व रसोइयों से संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में
अंशकालिक अनुदेशकों को जाब की गारंटी लिए उनकी सेवाओं को बेहतर बनाने और उसे अच्छे ढंग से आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। साथ ही बताया कि परिषदीय स्कूलों के लिए 1.26 लाख सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की गई।
इस अवसर पर बेसिक शिक्षा विभाग की पत्रिका 'उन्नयन के साढ़े चार वर्ष का विमोचन किया। मौके पर प्रमुख सचिव दीपक कुमार, सचिव अनामिका सिंह और निर्देशक सवेंद्र विक्रम सिंह भी मौजूद थे।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने अनुदेशक मीनू गुप्ता, रणवीर सिंह और रसोइया सीमा व रेखा से संवाद किया कार्यक्रम को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने भी संबोधित किया।
पहले नंगे पैर स्कूल जाते थे बच्चे
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले 75 फीसदी बालिकाएं 40 फीसदी बफ नंगे पैर स्कूल थे। प्रदेश सरकार ने स्कूल यूनिफार्म के साथ बच्चों को स्वेटर, मोना स्कूल बैग भी वितरण शुरू किया।
कोरोना संकट में भी नहीं काटा वेतन मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में के तमाम देशों व देश के कई राज्यों को सरकारों ने 30 प्रतिशत तक भनो में कटौती की, लेकिन यूपी सरकार ने किसी भी कर्मचारी के वेतन में कोई कटौती नहीं की।