विधानसभा चुनाव के दौरान पेंशनरों को बड़ी सौगात देने की तैयारी हो रही है। उनकी सालों पुरानी मांग पर केंद्र सरकार विचार कर रही है। इसके तहत रिटायरमेंट के हर पांच साल बाद 5 फीसदी पेंशन वृद्धि की तैयारी हो रही है। अभी तक सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन वृद्धि 80 साल की उम्र के बाद होती रही है लेकिन अब इस फैसले को बदलने की कवायद तेज हो गई है। सरकार ने सभी विभागों से 60 से 100 उम्र वाले पेंशनरों का पूरा ब्योरा तलब किया है।
भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने सभी केंद्रीय विभागों को लोकसभा स्टैण्डिग कमेटी की 110वीं रिपोर्ट का हवाला देकर कहा है कि पेंशनर्स एसोसिएशनों की हर 5 साल पर पेंशन वृद्धि की मांग पर विचार करने की सिफारिश की है इसलिए पेंशन और फैमिली पेंशन में हर पांच वर्ष बाद 5, 10 और 15 फीसदी की वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में ब्योरा बनाया जाना है।
केंद्र सरकार के विभागों से 65-70, 70-75, 75-80, 80-85, 85-90, 90-95, 95-100 और 100 साल से ऊपर वाले पेंशनरों की संख्या, बिना डीए के बीते दिसम्बर में किस उम्र में कितनी पेंशन का भुगतान किया जा रहा, साथ ही डीए के साथ कितनी पेंशन दी जा रही है, उसकी अलग-अलग बिन्दुवार रिपोर्ट तलब की है। माना जा रहा है कि 5 फीसदी की वृद्धि मूल वेतन के आधार पर हो सकती है। रिटायरमेंट के बाद जिन्होंने पेंशन बेच दी है, 5 फीसदी की वृद्धि में वे भी शामिल रहेंगे। पेंशन का गुणाभाग आधे मूल वेतन पर ही होगा। 20 फीसदी के बाद वृद्धि नहीं होगी।
पेंशनर्स फोरम महामंत्री आनंद अवस्थी ने बताया, केंद्र सरकार ने सालों पुरानी मांग को पूरा करने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। इस तरह की बढ़ोतरी से शहर के 48 हजार, यूपी के 3 लाख और देश में 60 पेंशनरों को फायदा होगा। 60 साल के बाद पेंशन बेचने के बाद भी वृद्धि पर फर्क नहीं पड़ेगा। बढ़ोतरी में डीए शामिल नहीं होगा।