गोंडा। बेसिक स्कूलों के शिक्षामित्र और अनुदेशकों को झटका लगा है। तीन हजार के करीब शिक्षामित्र हैं, जोकि एक बार फिर मनमसोस कर रह गए हैं। इसी तरह पांच सौ के करीब अनुदेशकों का भी मानदेय पुराना ही आ रहा है। साल 2017 के बाद से शिक्षामित्रों का मानदेय नहीं बढ़ा है। चुनावी बेला के समय अनुपूरक बजट में दो- दो हजार रूपये बढ़ाने की घोषण हुई थी, लेकिन आदेश जारी नहीं हो सका है। हाल ही में जनवरी माह के मानदेय के लिए जारी बजट में फिर शिक्षामित्रों को दस हजार रुपये और अनुदेशकों को सात हजार रुपये महीने भुगतान का आदेश हुआ है।
अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान विधानसभा में एलान हुआ था कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में गांवों में कार्य करने वालों का सरकार मानदेय बढ़ाएंगी और बढ़ा हुआ मानदेय जनवरी 2022 से लागू होगा। लेकिन मानदेय का जो आदेश जारी हुआ है, उसमें शिक्षामित्रों के लिए दस हजार मानदेय की शासन की तरफ से ग्रांट जारी किया गया है। यानी शिक्षामित्रों का मानदेय जनवरी महीने में भी नहीं बढ़ सका। इसमें उन्होंने शिक्षामित्रों का भी नाम लिया था, उसके बाद से शिक्षामित्र मानदेय बढ़ने की उम्मीद लगाए थे। शिक्षामित्रों को इस समय 10 हजार रुपये प्रतिमाह भुगतान मिल रहा है, चर्चा थी कि शिक्षामित्रों का मानदेय दो हजार रुपये प्रतिमाह बढ़ सकता हैं। बीते शुक्रवार को अनामिका सिंह महानिदेशक स्कूली शिक्षा तरफ़ से जारी आदेश में शिक्षामित्रों का दस हजार प्रतिमाह आवंटित किए गए हैं। इसी तरह अनुदेशकों के लिए जारी बजट में भी जनवरी माह का मानदेय सात हजार रुपये ही मिलेगा। उनका भी मानदेय नहीं बढ़ा है।
नहीं मिल रहा बढ़ा मानदेय
शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष अवधेश मणि मिश्र ने बताया कि घोषणा के बाद भी मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। उम्मीद थी कि शिक्षामित्रों को 12 हजार रुपये और अनुदेशकों को नौ हजार रुपये मानदेय माह में मिलेगा। बीते शुक्रवार को जो आदेश आया है उसमें पुराना मानदेय ही दिया गया है। बताया कि यह भी स्पष्ट नहीं है कि बढ़ा मानदेय आगे मिलेगा भी या नहीं।
शासन से शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को जनवरी माह का मानदेय दिए जाने का आदेश मिला है। मानदेय बढ़ोत्तरी के बारे में कोई आदेश नहीं मिला है। मानदेय जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा। -राम प्रताप सिंह, बीएसए