सुबह नौ बजे केंद्रों पर पहुंच गए स्टैटिक मजिस्ट्रेट व केंद्र व्यवस्थापक, कई जगह शाम तक नहीं पहुंच सके पर्चे
अबेडकरनगर यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले ही तैयारियां तार-तार होती दिखने लगी हैं। सोमवार को प्रश्नपत्रों को केंद्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था में अफरातफरी का माहौल देखने को मिला। सभी 111 केंद्रो पर सुबह 9 बजे ही केंद्र व्यवस्थापको व स्टैटिक मजिस्ट्रेटों को पहुंचने का निर्देश था। वे पहुंच भी गए, लेकिन जिला मुख्यालय के स्ट्रांग रूम का ताला ही साढ़े 10 बजे खोला जा सका।
अदूरदर्शिता व लापरवाही की हद यह किन्हीं ब्लॉकों में 100 से अधिक स्कूलों तक प्रश्नपत्र पहुंचाने के लिए सिर्फ 6 टीमें बनाई गई थीं। नतीजा यह हुआ कि तमाम केंद्रों पर देर शाम तक प्रश्नपत्र नहीं पहुंचाए जा सके थे परेशान स्टैटिक मजिस्ट्रेट व केंद्र व्यवस्थापक घंटों फोन करते रहे, लेकिन उन्हें कोई कुछ भी सही जानकारी नहीं दे सका। इसे लेकर स्टैटिक मजिस्ट्रेटों समेत केंद्र व्यवस्थापकों व शिक्षकों ने नाराजगी भी जताई। कहा कि व्यवस्था को पहले से ही ऐसा बनाया जाना था कि अधिकतम दो से तीन घंटे में प्रश्नपत्र पहुंचाए जा सके, लेकिन केंद्रों पर आठ से नौ घंटे तक का लंबा इंतजार अनावश्यक तौर पर करना पड़ा।
यूपी बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले ही माध्यमिक शिक्षा विभाग की लचर तैयारियों की पोल खुल गई। हुआ यह कि परीक्षा के लिए यहां जिला मुख्यालय पर यूपी बोर्ड ने पहले ही प्रथम चरण के प्रश्नपत्र भेज दिए थे। स्कूलों में प्रवेशपत्रों का वितरण लगभग पूरा कर लिया गया था। बीएन इंटर कॉलेज से कापियों का वितरण भी केंद्र
व्यवस्थापकों को शुरू कर दिया गया था। अब बारी थी प्रश्नपत्रों के वितरण की इस बार व्यवस्था यह बनी थी कि सभी केंद्रों पर विधिवत ढंग से टीमों द्वारा स्वयं प्रश्नपत्र पहुंचाए जाएंगे। डीएम सैमुअल पॉल एन ने इस व्यवस्था को बेहतर ढंग से पूरा कराए जाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसे अत्यंत हल्के ढंग से लिया। नतीजा यह हुआ कि सोमवार को प्रश्नपत्रों के वितरण की पूरी प्रक्रिया अफरातफरी की शिकार हो गई। लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सभी केंद्र व्यवस्थापकों तथा अलग अलग विभाग से बनाए गए स्टेटिक मजिस्ट्रेटों को प्रश्नपत्र रिसीव करने के लिए सुबह नौ बजे ही परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने को कह दिया गया। लगभग सभी मजिस्ट्रेट व केंद्र व्यवस्थापक पहुंच भी गए लेकिन जिला मुख्यालय के डॉ. गणेशकृष्ण जेवली इंटर कॉलेज में बनाए गए स्ट्रांग रूम का ताला ही डेढ़ घंटे बाद करीब साढ़े 10 बजे खोला जा सका। इसके बाद प्रश्नपत्रों के भेजे जाने का सिलसिला प्रारंभ किया गया।
लापरवाही इस कदर भीक 111 स्कूलों तक प्रश्नपत्र भेजने के लिए सिर्फ 6 टीमें लगाई गई थीं बसों से भेजने में होने वाले संभावित विलंब का कोई आकलन अधिकारियों ने नहीं किया नी ब्लॉक के लिए सिर्फ 6 टीम गठित करने के औचित्य पर शिक्षक व स्टैटिक मजिस्ट्रेट सवाल खड़े करते रहे। उनका कहना था कि यदि बसों की बजाय छोटे वाहन लगाए गए होते तो आसानी से सभी केंद्रों तक दो से तीन घंटे में प्रश्नपत्र पहुंचाए जा सकते थे शिक्षकों का कहना था कि रूट चार्ट सही तौर पर बना दिया गया था। शिक्षकों ने कहा कि यह स्पष्ट है किन्चार्ट को लेकर कोई काम नहीं किया गया था। सिर्फ फर्ज अदायगी के लिए रूट चार्ट बनाया गया था, जिसका खामियाजा सोमवार को इस अफरातफरी के तौर पर सामने आया।