अगली सुनवाई 10 मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने अजीत कुमार राय की याचिका पर दिया है।इससे पहले भी कोर्ट ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दिया था, लेकिन फिर से समय मांगा गया। याचिका पर अधिवक्ता हरिशंकर त्रिपाठी ने बहस की। कहा कि याची ने नेट क्वालीफाई किया है।
न्यूनतम अर्हता परास्नातक के साथ नेट है। आयोग की गाइड लाइंस में नेट के लिए पांच अंक तथा पीएचडी वालों को 30 अंक देने की बात है। भर्ती में पीएचडी बाध्यकारी नहीं है। अब बिना पीएचडी किए नेट क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों को चयन में शामिल होने का अधिकार दिया गया है। नेट को पांच अंक व पीएचडी को 30 अंक देना विभेदकारी है। इससे नेट वालों को चयन का अवसर नहीं मिलेगा। इसकी वैज्ञानिकता को चुनौती दी गई है।