उत्तर प्रदेश सरकार वृद्धावस्था और निराश्रित महिला, विधवा तथा दिव्यांगजन पेंशन योजना के लाभार्थियों की नए सिरे से जांच करवा रही है। सभी लाभार्थियों के बैंक खातों को आधार से जोड़ा जा रहा है। भाजपा सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में अपने संकल्प पत्र के तहत इन लाभार्थियों को 1500 रुपये देने का ऐलान कर रखा है। इसे लागू करने से पहले सरकार इस सूची से अपात्रों को हटा कर पात्र लोगों को ही रखना चाहती है।
प्रदेश में इस वक्त वृद्धावस्था पेंशन योजना के कुल 56 लाख लाभार्थी हैं और विधवा पेंशन योजना के 31 लाख लाभार्थी हैं। जबकि 11 लाख दिव्यागंजन हैं। बताते चलें पिछले साल 17 दिसम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले समाज कल्याण विभाग में पंजीकृत वृद्धजनों की पेंशन राशि पांच सौ रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर एक हजार रुपये किये जाने और निराश्रित/विधवा महिलाओं की पेंशन राशि चार सौ रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर एक हजार किये जाने का निर्णय लिया था। कैबिनेट का यह निर्णय दिसम्बर 2021 से ही लागू हो गया था।
इस बढ़ी हुई राशि की पेंशन राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में भेज भी दी थी। अब विधान सभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी अपने संकल्प पत्र में वृद्धों, विधवा व निराश्रित महिलाओं और दिव्यांगजनों की पेंशन राशि 1500 रुपये मासिक किये जाने की घोषणा की है। भाजपा के इस संकल्प पत्र की घोषणा को अमली जामा पहनाने से पहले इन लाभार्थियों की पूरी सूची साफ सुथरी बनाए जाने के निर्देश दिये गये हैं।
फर्जी लाभार्थियों को सूची से किया जाएगा बाहर
वर्ष 2017 से पहले की समाजवादी सरकार के कार्यकाल में वृद्धावस्था और विधवा पेंशन योजना में तमाम लाभार्थियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पेंशन दिये जाने के तमाम आरोप भी लगे थे मगर उसके बाद ऐसे फर्जी लाभार्थियों को सूची से हटाया नहीं जा सका था, मगर अब आधार से जोड़ दिये जाने के बाद ऐसे फर्जी लाभार्थियों की छंटनी हो जाएगी।