शामली, जागरण संवाददाता। पिछले 19 साल से फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे दो शिक्षामित्रों की सेवा समाप्त कर दी गई। इस अवधि में लिए गए मानदेय की रिकवरी के साथ-साथ दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के भी आदेश दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बीते पिछले वर्ष राज्य के सभी जनपदों को भेजी सूची में प्रदेश में मान्य और अमान्य शिक्षा बोर्डों की जानकारी दी थी। शासन के आदेश और डीएम जसजीत कौर के निर्देश पर तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गीता वर्मा ने मामले की जांच ऊन ब्लाक के पूर्व बीईओ संजय डबराल से कराई थी।
फरवरी-2021 में जांच के दौरान ऊन विकास खंड के गांव सिरसागढ़ के प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षा मित्र जुल्फिकार अली के हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के अभिलेख मध्य भारत ग्वालियर बोर्ड और प्राथमिक विद्यालय गांव सोंटा के शिक्षामित्र अतीश चौधरी के अभिलेख हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद बोर्ड के पाए गए थे। साल 2003-04 में दोनों की नियुक्ति हुई थी।
दोनों को नोटिस भेजा लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। डीएम जसजीत कौर ने एक मार्च 2021 को हुई बैठक में दोनों शिक्षामित्रों को तीन-तीन नोटिस भेजने के निर्देश दिए थे। तीनों नोटिसों का भी दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया।
इसके बाद डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई, जिसमें डीपीआरओ नंदलाल, बीएसए राहुल मिश्रा, लेखाधिकारी राजेन्द्र कौशिक, भूमेश कुमार शामिल थे। डीएम के आदेश पर दोनों शिक्षामित्रों की सेवा तत्काल समाप्त करने के निर्देश दिए।
इन्होंने बताया...
दो शिक्षा मित्र फर्जी दस्तावेज पर नौकरी कर रहे थे। शासन के आदेश पर हुई जांच के बाद दोनों की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। दोनों से 19 वर्ष के दौरान मिले मानदेय की भी रिकवरी होगी। रिपोर्ट दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं।