नई दिल्ली: शैक्षणिक सत्र 2022-23 से शुरू होने वाले चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को लेकर छात्रों को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। वजह इस कोर्स को सिर्फ देश के कुछ चुनिंदा संस्थानों से ही शुरू करने का मामला कोर्ट में पहुंच गया है। ऐसे में इसे शुरू करने में कुछ देरी हो सकती है। फिलहाल इस मामले की सुनवाई कोर्ट में इसी हफ्ते होनी है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसके बाद स्थिति साफ हो सकती है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव किया था। इसे देश के करीब पचास संस्थानों से शुरू किया जाएगा। बाद में इसे और संस्थानों में विस्तार दिया जाएगा। नीति में सिफारिश की गई है कि 2030 के बाद स्कूलों में चार वर्षीय बीएड करने वाले छात्रों को ही बतौर शिक्षक नियुक्ति दी जाए।