नई दिल्ली : केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने इनमें लागू कोटा प्रथा को लगभग समाप्त कर दिया है। इस फैसले के तहत जो कोटे खत्म किए गए हैं, उनमें सांसदों, शिक्षा मंत्रलय के कर्मचारियों, केंद्रीय विद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सहित प्रवेश से जुड़े करीब दर्जन भर कोटे शामिल हैं। केंद्रीय विद्यालयों में कोटे से हर साल 40 हजार सीटें भरी जाती थीं। इनमें अकेले करीब आठ हजार सीटें सांसदों की सिफारिश से भरी जाती थीं। प्रत्येक सांसद को 10 सीटों का कोटा दिया गया था।
विशेष कोटे से भरी जाने वाली ये सीटें स्कूलों में निर्धारित क्षमता के अतिरिक्त होती थीं। ऐसे में इस प्रवेश से केंद्रीय विद्यालयों की गुणवत्ता सहित छात्र-शिक्षक अनुपात और कई अन्य मानक प्रभावित हो रहे थे। प्रधानमंत्री ने इसमें हस्तक्षेप किया और कोटे की इस प्रथा को खत्म करने के लिए कहा। सबसे पहले शिक्षा मंत्री ने खुद अपना कोटा खत्म किया। साथ ही केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) को प्रवेश से जुड़े विशेष कोटे की नए सिरे से समीक्षा करने के निर्देश दिए। पीएम की पहल और शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद केवीएस ने पिछले दिनों कोटे पर रोक लगा थी। साथ ही पूरे मामले की समीक्षा करने का फैसला लिया था।
केवीएस ने मंगलवार को प्रवेश से जुड़े करीब दर्जन भर विशेष कोटे को खत्म करने के साथ प्रवेश को लेकर एक संशोधित गाइडलाइन भी जारी की है। इसके तहत केवीएस ने सांसदों, शिक्षा मंत्रलय के कर्मचारियों, केंद्रीय विद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों, प्रायोजित एजेंसियों, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष (जिला कलेक्टरों या ऐसी एजेंसियों के प्रमुख जो स्कूल निर्माण के लिए भूमि मुहैया कराते हैं) के अतिरिक्त राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों आदि के कोटे को खत्म किया है।
’>>प्रधानमंत्री की पहल पर केंद्र सरकार ने लिया प्रवेश से जुड़ा बड़ा फैसला
’>>हर साल विशेष कोटे से करीब 40 हजार छात्रों का होता था दाखिला
’>>सांसद, शिक्षा मंत्रलय के कर्मचारी सहित लगभग सभी कोटा खत्म
सांसद अब अपने बच्चों को भी नहीं दिला पाएंगे प्रवेश
केंद्रीय विद्यालय में अपने विशेष कोटे से दूसरों को प्रवेश दिलाने वाले सांसद अब अपने बच्चों और नाती-पोतों को भी प्रवेश नहीं दिला सकेंगे।
प्रतिभाशाली विद्यार्थियों और कोविड में अनाथ बच्चों को कोटा
केवीएस ने खेल, स्काउट गाइड और फाइन आर्ट्स जैसी विधाओं से जुड़े प्रतिभाशाली बच्चों, एक बालिका और वीरता व बालश्री पुरस्कार प्राप्त बच्चों के कोटे को बरकरार रखा है। कोविड के चलते अनाथ हुए बच्चों और कश्मीरी विस्थापितों के बच्चों के लिए विशेष रियायत जारी रखने का भी फैसला लिया गया है। कोविड में अनाथ हुए बच्चों को दाखिला पीएम केयर स्कीम के तहत दिया जाएगा। इसके तहत जिला कलेक्टर की सिफारिश पर किसी भी स्कूल में ऐसे 10 बच्चों को और एक कक्षा दो बच्चों को दाखिला देने का प्रविधान किया गया है। इनकी फीस भी माफ की गई है।