परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर जनपदीय स्थानान्तरण में नया पेच फंस गया है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 69000 शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षकों को अगले आदेश तक कार्यमुक्त न किया जाए।
सचिव के इस आदेश से हजारों शिक्षिकाएं प्रभावित होंगी, क्योंकि शिक्षिकाओं को ही दो साल की सेवा पर तबादले का लाभ दिया गया है। शिक्षकों को किसी जिले में पांच साल की सेवा के बाद आवेदन की अनुमति दी गई थी। जबकि 69000 शिक्षक भर्ती 2020 में हुई थी। एक जुलाई के पत्र में सचिव ने लिखा है कि 69000 भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के 13 मार्च के आदेश के खिलाफ स्पेशल अपील दायर की गई है।
फिलहाल हाईकोर्ट का आदेश प्रभावी है। ऐसे में एक जून 2020 की चयन सूची संशोधित होने पर अभ्यर्थियों के जिला आवंटन में परिवर्तन होने की संभावना को देखते हुए 69000 भर्ती के शिक्षकों को कार्यमुक्त न किया जाए। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 13 मार्च को 69000 भर्ती की चयन सूची पर पुनर्विचार के आदेश सरकार को दिए थे।