लक्ष्मीपुर। यूनिफार्म के लिए मिले रुपये अभिभावक निजी कार्य में खर्च कर दिए। ऐसे में बच्चे यूनिफॉर्म में स्कूल नहीं आ रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
यूनिफॉर्म में बच्चों के न आने के कारण वह प्रेरणा पोर्टल पर बच्चों की फोटो अपलोड नहीं कर पा रहे हैं। फोटो अपलोड करने के लिए शासन से अध्यापकों को एक सप्ताह का समय दिया गया है। एक सप्ताह में अध्यापकों को ड्रेस, जूते मौजे और बैग में बच्चों का फोटो प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। निर्धारित समय में बच्चों का फोटो प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड न करने वाले अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई होना तय है।लक्ष्मीपुर ब्लाॅक में परिषदीय व प्रबंधकीय विद्यालयों की कुल संख्या 153 है। हालांकि संपूर्ण जनपद में डीबीटी प्रगति की स्थिति लक्ष्मीपुर ब्लाॅक में 95 प्रतिशत से अधिक है लेकिन अन्य कई ब्लाॅकों की स्थिति काफी निराशाजनक बताई जा रही है। बताते चलें कि सरकारी स्कूलों में बच्चों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से यूनिफॉर्म, जूते मौजे, स्वेटर और बैग के 1200 रुपये भेजे गए हैं। सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को डीबीटी का लाभ लेने वाले बच्चों का फोटो प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश शासन स्तर से जारी किया गया है।
बच्चे की ड्रेस, जूते और बैग के साथ फोटो अध्यापकों को प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। अध्यापकों को इस कार्य के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। जो अध्यापक एक सप्ताह में यह कार्य नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं अध्यापकों ने बच्चों की फोटो प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करने में लगे हैं। अध्यापक निर्धारित समय में काम पूरा करने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन बहुत से ऐसे अभिभावक हैं जो 1200 रुपये खाते से निकाल कर निजी कार्य में खर्च कर लिए है और बच्चों का ड्रेस, जूता आदि नहीं खरीदे हैं। इसी कारण बच्चों का ऑनलाइन फोटो अपलोड करने में शिक्षकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्राथमिक शिक्षक संघ ब्लाक इकाई लक्ष्मीपुर के अध्यक्ष हरिश्चंद्र चौधरी ने बताया कि शासन द्वारा शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अतिरिक्त डीबीटी जैसे कई ऐसे काम सौंपा गया है जो अव्यवहारिक है। अभिभावकों के खाते में पैसा भेजा गया और हिसाब शिक्षकों से क्यों मांगा जा रहा है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता ने बताया कि पोर्टल पर फोटो अपलोड करना जरूरी है। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।